यूपी में प्राथमिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों को निपुण बनाने की रणनीति बनाई गई है। वहीं, तय मानकों के अनुरूप स्कूलों की निगरानी भी की जा रही है।

प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए नई रणनीति बनाई गई है। अब दिसंबर तक 44 हजार प्राथमिक विद्यालयों को निपुण विद्यालय का दर्जा दिया जाएगा। शिक्षक संकुलों के लिए जुलाई 2023 तक अपने स्कूलों को निपुण बनाना अनिवार्य किया गया है। यही नहीं प्रत्येक जिले में एक ब्लॉक को निपुण बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। दिसंबर तक 75 ब्लॉकों को निपुण बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

निर्देशिका में उल्लिखित अभ्यास योजना को शत-प्रतिशत कक्षाओं में लागू करना होगा। निपुण तालिका के हिसाब से स्कूल बेस्ड असेसमेंट पूर्ण करना होगा। दरअसल, स्कूलों को निपुण स्कूल बनाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। तय मानकों के अनुरूप स्कूलों की निगरानी भी की जा रही है। इसी क्रम में नवंबर-दिसंबर के बीच निपुण असेसमेंट टेस्ट-1 का आयोजन किया गया। इसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों की उपस्थिति रही।

14 फीसदी छात्र इस टेस्ट में 90 प्रतिशत से अधिक, 21 प्रतिशत 75 से 90 प्रतिशत के बीच, 17 प्रतिशत 60 से 75 प्रतिशत अंक पाने में सफल रहे। टेस्ट में वाराणसी, हापुड़, बस्ती, जौनपुर और गौतमबुद्धनगर टॉप-5 जिले रहे। सभी छात्रों को उनके रिपोर्ट कार्ड भी प्रदान कर दिए गए हैं। दूसरे निपुण असेसमेंट का आयोजन मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित है।