मुख्यमंत्री ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि मंगलवार को दिल्ली सरकार का बजट पेश होना था और सोमवार की शाम केंद्र सरकार ने बजट पर रोक लगा दी है।

दिल्ली सरकार का बजट मंगलवार को पेश नहीं होगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बजट पेश होने से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने बजट पर रोक लगा दी। वहीं, उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय का कहना है कि दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर बजट पर राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी थी। केंद्र ने टिप्पणी के साथ इसे दिल्ली सरकार को भेज दिया था। एलजी कार्यालय को मुख्यमंत्री की तरफ से टिप्पणी पर जवाब का इंतजार है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बजट को लेकर केंद्र सरकार और आप आमने-सामने हैं। विभिन्न मदों में आवंटन को लेकर दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। सोमवार देर रात तक चली सियासी उठापटक के बीच उपराज्यपाल ने बजट की फाइल को मंजूर करते हुए कानूनन आगे की कार्रवाई करने को कहा है। सूत्र बताते हैं कि अब दिल्ली सरकार इस फाइल को केंद्र सरकार के पास राष्ट्रपति से मंजूरी के लिए भेजेगी। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।

दरअसल, कानूनन दिल्ली सरकार विधानसभा में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही वार्षिक बजट पेश करती है। उपराज्यपाल के माध्यम से इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भेजा जाता है। इस साल दिल्ली सरकार को विधानसभा में 21 मार्च का बजट पेश करना था। इसकी फाइल महीने की शुरुआत में उपराज्यपाल को भेजी थी।

उपराज्यपाल कार्यालय का कहना है कि वित्तीय विवरण को मंजूरी दी और कुछ टिप्पणियों के साथ फाइल 9 मार्च को मुख्यमंत्री को भेजी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी। यह कानूनन अनिवार्य है। गृह मंत्रालय ने भी 17 मार्च दिल्ली सरकार को अपनी टिप्पणी से अवगत करवाया। राजनिवास का कहना है कि मुख्यमंत्री की तरफ से फाइल भेजे जाने का उसको इंतजार है। उपराज्यपाल कार्यालय का कहना है कि दिल्ली सरकर से रात 9.25 पर फाइल मिली और एलजी ने मंजूरी देते हुए कानूनन आगे की कार्रवाई के लिए 10.05 पर मुख्यमंत्री को भेज दिया।