मामले में गिरफ्तार दंपती निवेश पर चार से छह गुना तक पैसे वापसी का झांसा देकर ठगी करते थे। दोनों के पास से दो लग्जरी कारें और दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

मार्केटिंग कंपनी बनाकर 500 से अधिक लोगों से पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने पति-पत्नी को कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों की पहचान नई दिल्ली निवासी विजय किशन जायसवाल और रश्मि जायसवाल के रूप में हुई है। फिलहाल दोनों सेक्टर-143 स्थित सोसाइटी में रहते थे। दंपती निवेश पर चार से छह गुना तक पैसे वापसी का झांसा देकर ठगी करते थे। दोनों के पास से दो लग्जरी कारें और दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच में नोएडा समेत कई शहरों में वारदात करने की बात सामने आई है।

नोएडा सेंट्रल जोन के एसीपी अमित प्रताप सिंह ने बताया कि कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस की टीम ने सोमवार को मार्केटिंग कंपनी खोलकर ठगी करने वाले दंपती को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार विजय और रश्मि पिछले दो साल से ठगी कर रहे थे। आरोपी नोएडा समेत कई शहरों यूडिवो मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाकर भोले-भाले लोगों से आईडी बनाने के नाम पर 11 हजार रुपये लेते थे। वह 11 हजार निवेश करने पर चार माह बाद 44 हजार रुपये देने का झांसा देते थे। साथ ही 15 हजार रुपये का निवेश करने पर छह माह बाद 90 हजार रुपये लौटाने का ऑफर देते थे।

इसके साथ ही विभिन्न वेबसाइट से नौकरी और निवेश के इच्छुक लोगों का डाटा निकालकर फोन करते थे। उन्हें भी निवेश पर चार से छह गुना लाभ कमाने का झांसा देकर निवेश कराते थे। हर तीन से चार महीने बाद आरोपी मोबाइल नंबर बंद कर भाग जाते थे और दूसरी जगह पर ऑफिस खोल लेते थे। एसीपी अमित प्रताप का कहना है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है और पूरे नेटवर्क के बारे में पता किया जा रहा है।

नोएडा से गोवा तक कर चुके हैं जालसाजी
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कई शहरों में दफ्तर खोलकर ठगी की बात कही है। आरोपियोंं ने दिल्ली, गोवा, बरेली और नोएडा से लेकर अन्य शहरों में यूडिवो मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दफ्तर खोले थे। इन दफ्तर में लोगों से संपर्क कर निवेश कराने का झांसा दिया जाता था।

हर दो से तीन माह में कर्मचारियों को हटा देते थे
गिरफ्तार पति पत्नी शातिराना तरीके से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। सुनहरे भविष्य और जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाकर युवाओं को झांसे में लेते थे। दोनों के खिलाफ बरेली,नोएडा और दिल्ली में अलग-अलग धाराओं में पांच मुकदमे दर्ज हैं। पूछताछ में बताया कि ये आरोपी अपने दफ्तर में कर्मचारियों को दो से तीन महीने तक ही रखते थे। इसके बाद उन्हें हटा देते थे। कर्मचारियों को 12 से 20 हजार रुपये का वेतन दिया जाता था।