बाराबंकी। 24सौ समूहों से जुड़ीं 25 हजार महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों से बांटी जाने वाली दलिया और पंजीरी तैयार करेंगी। 15 ब्लॉकों के लिए आठ टीएचआरपी (टेक होम राशन प्लांट) बनाए जा रहे हैं। 90 लाख की लागत से तैयार होने वाले प्रत्येक प्लांट के लिए महिलाओं के तीन सौ समूह इक्विटी फंड के रूप में 30-30 हजार रुपये का निवेश कर रहे हैं। संचालन से लेकर केंद्रों तक पहुंचाने का जिम्मा महिलाओं का रहेगा। प्लांट के संचालन के लिए दो माह की वर्किंग कैपिटल के रूप में 60 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।

जिले में 3056 आंंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। यहां से तीन लाख से अधिक गर्भवती, बच्चों व कुपोषितों को पुष्टाहार वितरित होता है। प्रतिमाह 296 मीट्रिक टन से अधिक दलिया-पंजीरी की खपत हो रही है, जिसे नैफेड के माध्यम से मुहैया कराया जाता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से दलिया-पंजीरी के लिए टीएचआरपी प्लांट लगाए जा रहे हैं। आठ ब्लॉकों में प्लांट की स्थापना के लिए कुल 24सौ समूहों को जोड़ा गया है, जिनमें करीब 25 हजार महिलाएं शामिल हैं। मसौली, निंदूरा, बनीकोडर, सिद्धौर व पूरेडलई में टीएचआरपी का निर्माण हो चुुका है। दो को वर्किंग कैपिटल भी मुहैया करा दी गई है। हैदरगढ़, सूरतगंज व सिरौलीगौसपुर में कार्य चल रहा है।

गठित हुआ माइक्रो इंटरप्राइज

स्थापना व संचालन के लिए महिलाओें के समूहों को माइक्रो इंटरप्राइज के रूप में गठित किया गया है। जिसमें 50 प्रतिशत तक अनुसूचित वर्ग की महिलाओं को शामिल किया जाएगा। हर प्लांंट पर 160 महिलाएं वर्कर के रूप में रहेंगी, जिन्हें प्रतिदिन 266 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा। आईसीडीएस विभाग की मांग पर पुष्टाहार तैयार होगा, जिसका भुगतान सरकार करेगी।

बनेगी नोडल सेल

एनआरएलएम एक डेडीकेटेड नोडल सेल का गठन करेगा। जो वर्किंग कैपिटल व आपूर्ति के सापेक्ष भुगतान कराएगा। साथ ही चार्टेड अकाउंटेंट फर्म माइक्रो इंटरप्राइज की ऑडिट व बैलेंस शीट तैयार करने में मदद करेगी। साथ ही इक्विटी धनराशि के अनुुपात में समूहों को धनराशि वितरण करेगी।

महिलाओंं को सशक्त बनाने के लिए टीएचआरपी स्थापित किए जा रहे हैं। अब तक पांच का निर्माण पूरा हो गया है। इस योजना में करीब 25 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

– एकता सिंह, मुख्य विकास अधिकारी