भाजपा से नजदीकी बढ़ने की चर्चाओं के बीच राजभर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सुभासपा की बड़ी भूमिका में होगी। इससे पहले निकाय चुनाव में पार्टी मजबूती से लड़कर नगर पंचायतों में अपने दम पर जीत दर्ज करेगी।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को पार्टी के प्रदेश कमेटी के क्रियाकलापों की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को जहां निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया, वहीं, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी बूथवार अपना संगठन खड़ा करने की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्तां में जोश भरते हुए कहा कि बसपा और कांग्रेस तो अब खत्म हो चुके हैं। लोस चुनाव में सुभासपा सपा को भी पीछे छोड़ देगी। इसके लिए कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत करनी होगी।
भाजपा से नजदीकी बढ़ने की चर्चाओं के बीच राजभर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सुभासपा की बड़ी भूमिका में होगी। इससे पहले निकाय चुनाव में पार्टी मजबूती से लड़कर नगर पंचायतों में अपने दम पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने मुद्दों पर आंदोलन के लिए हर समय तैयार रहना है। पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों को सक्रिय रहने का निर्देश देते हुए उन्होंने निरंतर संगठनात्मक बैठक करने को भी कहा है।
20 साल तक सत्ता में रहने पर जातीय जनगणना नहीं कराई
राजभर ने सपा व बसपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये पार्टियां 20 वर्ष तक सत्ता में थीं, लेकिन जातीय जनगणना नहीं कराई। सुभासपा की सरकार बनते ही जातीय जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी आगामी चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेगी। मुस्लिम और दलित बिरादरी को जो़ड़ने के लिए अभियान चलाएगी। इस बैठक में सपा नेता पवन कश्यप ने सुभासपा की सदस्यता ली। मेरठ निवासी पवन कश्यप को पार्टी ने पश्चिमी यूपी का प्रदेश अध्यक्ष भी घोषित किया।
दिल्ली व पंजाब की तरह यूपी में बिजली मुफ्त मिले
उन्होंने कहा कि तेलंगाना की आबादी महज 4 करोड़ है और वहां पर दो लाख बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। सुभासपा भी मुफ्त शिक्षा की लड़ाई लड़ रही है। सत्ता में आने पर इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब सरकार मुफ्त घरेलू बिजली दे सकती है तो यूपी में जनता को यह सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती है। पूंजीपतियों के अरबों रुपये के कर्ज माफ कर दिए जा रहे हैं। यूपी में घरेलू बिजली का बिल माफ होना चाहिए। सभी गरीबों का इलाज बगैर किसी भेदभाव के मुफ्त में होना चाहिए।