गुरुग्राम। भूकंप से निपटने में जिले का आपदा प्रबंधन कितना सक्षम है, इसका आकलन 24 मार्च को मेगा मॉक ड्रिल के माध्यम से किया जाएगा। यह एक मल्टी स्टेट मेगा मॉक ड्रिल होगी, जिसमें हरियाणा के एनसीआर में शामिल चार जिलों, गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत के साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली में एक साथ मॉक ड्रिल होगी। बुधवार को लघु सचिवालय में मंडलायुक्त आरसी बिढ़ान की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल के लिए टेबल टॉप अभ्यास बैठक हुई।
आरसी बिढ़ान ने यहां उपस्थित आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को कहा कि हम इस मॉक ड्रिल के माध्यम से हम अपनी तैयारियों का आंकलन तथा समीक्षा कर सकते हैं। बैठक में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहे।

——–
यहां होगी मॉक ड्रिल
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डीसी निशांत कुमार यादव के अनुसार शहर में पांच स्थानों को मॉक ड्रिल के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 4-7, नागरिक अस्पताल सेक्टर 10, लघु सचिवालय, हीरो मोटोकॉर्प व आरडी सिटी शामिल हैं। इन सभी स्थानों पर एक एक इंसीडेंट कमांडर की नियुक्ति की गई है। मॉक ड्रिल के दौरान बचाव व राहत कार्यों को संचालित करने के लिए सेक्टर 38 स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में स्टेजिंग एरिया बनाया जाएगा। एडीसी विश्राम कुमार मीणा को ओवर ऑल इंचार्ज बनाया गया है।
———
अति संवेदनशील जोन में है गुरुग्राम
गुरुग्राम के साथ दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील सिस्मिक जोन में है। केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से पूरे देश को चार जोन में बांटा गया है। जिसके लिहाज से उत्तर भारत का तराई क्षेत्र जोन चार, जिसमें दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा भी शामिल है, सबसे संवेदनशील है। यहां इस साल अभी तक तीन बार भूकंप आ चुका है। बैठक में एनडीआरएफ के संयुक्त सलाहकार नवल प्रकाश, एडीशनल लेबर कमिश्नर कुशल कटारिया, नगर निगम में संयुक्त आयुक्त -3 प्रदीप कुमार, बीएसएफ के ड्यूटी अधिकारी सुशील अत्री, डीआरओ मनबीर सांगवान, एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर संदीप रावल व ओपी बिश्नोई, डीआईओ विभू कपूर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।