तीन दिन पहले गायब हुए युवक का शव मिलने पर ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया है। घरवालों ने आरोप लगाया कि अगर शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होती तो युवक जिंदा मिल जाता।
रायबरेली की बछरावां कोतवाली क्षेत्र के गुरुबख्श खेड़ा मजरे इसिया गांव में तीन दिन पहले रहस्यमय परिस्थितियों में गायब किसान का शव शनिवार की सुबह तेंदुआ जंगल में मिलने से दहशत फैल गई। लिखा पढ़ी के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा था लेकिन गुस्साए लोगों ने हरचंदपुर थाना क्षेत्र के छतिया गांव के पास लखनऊ प्रयागराज हाईवे पर जाम लगा दिया।
घरवालों का आरोप है की घटना वाले दिन ही पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस ने आरोपियों से मिलकर लेनदेन करके कोई कार्रवाई नहीं की। गांव निवासी भरत लाल (35) बुधवार की शाम रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया था। परिजनों के मुताबिक उसे गांव के ही राम सजीवन बुलाकर ले गए थे। पिता रामखेलावन भाई दीपक कुमार ने काफी खोजबीन किया लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लग सका।
बृहस्पतिवार की शाम मृतक के भाई दीपक कुमार ने कोतवाली में तहरीर देकर गांव के ही रामसजीवन व कौशल के विरुद्ध अपहरण कर हत्या किए जाने की आशंका का मुकदमा पंजीकृत कराया था। शनिवार की सुबह कोतवाली क्षेत्र के विनायकपुर प्रधान विनोद यादव ने पुलिस को सूचित किया कि गांव के तेंदुआ जंगल में किसी युवक का शव पड़ा हुआ है।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त करने का प्रयास किया। मृतक का चेहरा क्षतविक्षत था। चेहरे से पहचान नहीं हो पा रही थी। सूचना पर मौके पर पहुंचे पिता रामखेलावन, भाई दीपक कुमार ने शव की शिनाख्त भरत लाल के रूप में की। मृतक के चेहरे और शरीर पर धारदार हथियार से चोट के निशान थे। शव दो दिन पुराना प्रतीत हो रहा था । भरत लाल की मौत की खबर मिलते ही पत्नी संजू (32) बेटी संजना (14), बेटे सनी का रो रो कर हाल बेहाल है।
मृतक भरत लाल की हत्या में नामजद रामसजीवन के भाई जागेश्वर प्रसाद उर्फ मटरू की हत्या के मामले में मृतक भरत लाल 8 अप्रैल 2004 में नामजद था। कोतवाल नारायण कुशवाहा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। आरोपियों की तलाश जारी है।