भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज का तीसरा टेस्ट इंदौर में तीन दिन के अंदर खत्म हो गया था। आईसीसी पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया के तहत इंदौर के पिच को खराब बताया गया था, जिसे अब बदल दिया गया है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इंदौर में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच की पिच को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने ‘खराब’ पिचों की श्रेणी में डाल दिया था। इसके बाद बीसीसीआई ने 14 मार्च को इस फैसले के खिलाफ अपील की थी। अब आईसीसी ने बीसीसीआई की अपील पर पिच की रेटिंग बदल दी है और नया फैसला सुनाया है। आईसीसी ने इंदौर के होलकर स्टेडियम की पिच की रेटिंग ‘खराब’ से बदलकर ‘औसत से नीचे’ कर दिया है।
इंदौर स्टेडियम पर निलंबन का खतरा भी टला
आईसीसी पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया के मुताबिक, अगर कोई पिच पांच साल की रोलिंग पीरियड में पांच या उससे ज्यादा डिमेरिट अंक पाता है तो उसे 12 महीने की अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी करने से निलंबित कर दिया जाता है। ऐसे में होलकर स्टेडियम को तीन डिमेरिट अंक मिले थे, जिसे अब घटाकर एक कर दिया गया है। इससे निलंबन का खतरा भी टल गया है।
इंदौर के नेहरू स्टेडियम पर लग चुका है प्रतिबंध
खराब पिच के कारण इंदौर पहले भी नुकसान उठा चुका है। होलकर स्टेडियम के अलावा यहां क्रिकेट के लिए नेहरू स्टेडियम भी था। 25 दिसंबर 1997 को भारत और श्रीलंका के बीच नेहरू स्टेडियम में वनडे मैच खेला गया था, जिसे सिर्फ 18 गेंद के बाद रद्द कर दिया गया था।
श्रीलंका के तत्कालीन कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने आरोप लगाए थे कि पिच ठीक से तैयार नहीं की गई और उन्होंने इस पर खेलने से इनकार कर दिया था। इसके बाद आईसीसी ने इस स्टेडियम पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे में शहर को अंतरराष्ट्रीय मैच मिलने बंद हो गए थे।