बाराबंकी। देवा कोतवाली क्षेत्र में करीब 16 वर्ष पूर्व दिनदहाड़े हुई युवक की हत्या के मामले में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश ईसी एक्ट उमेश चंद्र पांडेय ने तीन अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। वहीं, घटना में शामिल एक अन्य आरोपी को आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने पर 14 वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

सहायक शासकीय अधिवक्ता रामजस सिंह ने बताया कि 11 सितंबर 2007 को देवा क्षेत्र के पटना गांव में बालकराम अपने पुत्र अमर सिंह, रंजीत सिंह व भतीजे के पुत्र रेनू के साथ सिहाली टेंपो स्टैंड से कचहरी पेशी पर जा रहे थे। लगभग 10:30 बजे जहांगीराबाद टेंपो स्टैंड पर उतरते ही मलिकापुर निवासी राकेश वर्मा, कल्लू वर्मा व मुन्ना वर्मा और एक व्यक्ति अज्ञात बाइक से आ गए और अमर सिंह की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गए। दिनदहाड़े हुई हत्या से अफरातफरी मच गई और लोग दुकान बंद कर भाग गए।

जेल में बंद अपराधी कमलेश वर्मा निवासी टेरा दौलतपुर ने साजिश कर वारदात को अंजाम दिलाया था। पुलिस ने बालकराम की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की, जिसमें राकेश वर्मा, कल्लू वर्मा, मुन्ना वर्मा के साथ उमाशंकर वर्मा व कमलेश वर्मा के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

गवाहों के बयान व दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने कल्लू, मुन्ना व उमाशंकर को उम्रकैद व 50-50 हजार रुपये जुर्माना, कमलेश को हत्या की साजिश में 14 वर्ष की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। विचारण के दौरान राकेश वर्मा की मौत हो गई थी। इस वारदात से पूर्व कमलेश वर्मा के भाई अमर सिंह वर्मा का डीजल के पैसों को लेकर अमर सिंह आदि से विवाद हुआ था, जिसमें अमर सिंह वर्मा की हत्या कर दी गई थी।