महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के परीक्षक का कहना है कि गत वर्षों के मुकाबले इस बार नोट कम निकल रहे हैं। पूरे बंडल में एक-दो नोट निकलते हैं।

सर, मैंने सभी सवालों को हल कर दिया है। मुझे पता है कि सवाल सभी ठीक हैं, लेकिन पापा के कहने पर मैं दो सौ रुपये का नोट रख रहा हूं। प्लीज मेरे नंबर मत काटना। पापा ने कहा था कि रुपये देने पर अंक नहीं काटे जाते हैं। दो सौ रुपये के साथ ये शब्द इतिहास की उत्तर पुस्तिका में इंटरमीडिएट के एक छात्र ने लिखे हैं। मूल्यांकन के दौरान ये नजारे प्रतिदिन परीक्षकों के सामने आ रहे हैं। परीक्षकों का कहना है कि इस बार समाजशास्त्र और इतिहास जैसे विषय में भी नोट निकल रहे हैं, जबकि पहले गणित, विज्ञान और अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिकाओं में ही ज्यादा देखने को मिलते थे।

मुरादाबाद में छह परीक्षा केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो रहा है। तीन केंद्रों पर हाईस्कूल और तीन केंद्रों पर इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा रही हैं। जीजी हिंदू इंटर कॉलेज की इतिहास विषय की एक परीक्षक ने बताया कि पहले लड़कियां शादी जैसे विषयों को लेकर पास होने के संदेश लिखती थीं, लेकिन इस बार सिविल सेवा और कोविड काल में किसी का निधन होने जैसे विषयों पर लिखा है। एक छात्रा ने लिखा था कि कोविड काल में पापा का निधन हो गया है। हाईस्कूल बिना परीक्षा दिए उत्तीर्ण हो गई हूं। मैं अपने परिवार का सहारा बनने के लिए नौकरी करना चाहती हूं। इसलिए सिर्फ पास होने लायक नंबर नहीं, बल्कि 70 नंबर से ज्यादा दे दें, ताकि आगे की पढ़ाई के दौरान अच्छी मेरिट के साथ दाखिला हो सके। परीक्षक ने बताया कि जनपद में पूर्वांचल के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा रही हैं। वहां पर सिविल सेवा की तरफ विद्यार्थियों का ज्यादा रुझान रहता है। सिविल परीक्षा के दौरान वह वैकल्पिक विषय के रूप में समाजशास्त्र या इतिहास जैसे विषयों को लेते हैं। इसलिए उन्हें इंटरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक चाहिए।

विज्ञान में ज्यादातर पांच सौ
महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के परीक्षक का कहना है कि गत वर्षों के मुकाबले इस बार नोट कम निकल रहे हैं। पूरे बंडल में एक-दो नोट से निकलते हैं। अब विद्यार्थियों को कुल फीसदी कम न हो, इसकी चिंता है। विज्ञान की उत्तर पुस्तिकाओं में जो भी नोट निकलें हैं, उनमें ज्यादातर पांच सौ रुपये हैं।

 

जिले में 80 फीसदी से अधिक मूल्यांकन हो चुका है। इस बार नोट कम निकलने की एक वजह यह है कि परीक्षा शुरू होने से पहले विद्यार्थियों को अवगत करा दिया गया था कि अंक नोट रखने से नहीं, बल्कि अच्छा लिखने से मिलते हैं। मूल्यांकन की भी ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। – डॉ. अरुण कुमार दुबे, जिला विद्यालय निरीक्षक