राहुल गांधी को पिछले सप्ताह लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मद्देनजर लोकसभा की आवास संबंधी समिति ने कांग्रेस नेता को राष्ट्रीय राजधानी में 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेजा है।

लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के लिये नोटिस भेजे जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि गांधी उनके घर में रह सकते हैं। दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी जी, आप जैसे उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो पूरा देश ही परिवार है और “वसुधैवकुटुम्बकम्” की यही भावना हमारे देश का मूल चरित्र है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘राहुल जी, मेरा घर आपका घर है। मैं अपने घर में आपका स्वागत करता हूं और अपना सौभाग्य मानूंगा यदि आप मेरे घर में आकर रहेंगे।’’

कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष ने अपना आवास राहुल को समर्पित किया

इससे पहले कांग्रेस के प्रयागराज के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने भी वाराणसी के अपने लहुराबीर स्थित आवास पर ‘मेरा घर-राहुल गांधी का घर’ का बोर्ड लगाकर अपने आवास को सांकेतिक रूप से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को समर्पित कर दिया है। कांग्रेस नेता और उत्‍तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अजय राय ने मंगलवार को अपनी पत्नी रीना राय के साथ अपने लहुराबीर स्थित आवास पर ‘मेरा घर-राहुल गांधी का घर’ का बोर्ड लगाकर इसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपना घर कांग्रेस के पूर्व सांसद को समर्पित करने का अनुरोध किया।

22 अप्रैल तक खाली करना है सरकारी बंगला 
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है। राहुल गांधी को पिछले सप्ताह लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मद्देनजर लोकसभा की आवास संबंधी समिति ने कांग्रेस नेता को राष्ट्रीय राजधानी में 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेजा है।

24 मार्च को अयोग्य ठहराए गए थे राहुल
गुजरात में सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अयोग्य ठहराये गए सदस्य को उनकी सदस्यता जाने के एक महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करना होता है।