एक अधिवक्ता के परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। हाईवे पर एक ट्रक ने वकील की पत्नी और भतीजे को कुचल दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

मेरठ के दौराला में हाईवे स्थित भराला कट पर ट्रक ने बाइक सवार चाची-भतीजा को कुचल दिया। पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। हादसे के बाद चालक ट्रक लेकर फरार हो गया।

रोहटा थाना क्षेत्र के गांव मिर्जापुर निवासी अधिवक्ता सुदेश कुमार की पत्नी शैली (32) बृहस्पतिवार को भतीजे उमंग (20) पुत्र विनेश कुमार के साथ बाइक पर मायके में थाना दौराला के गांव लोईया आई थी। यहां से लौटने के दौरान हाईवे पर भराला कट पर पीछे से आए एक ट्रक ने बाइक सवार चाची-भतीजे को कुचल दिया। हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चालक ट्रक लेकर फरार हो गया। वहीं हादसा देख हाईवे पर लोगों की भीड़ एकत्र हो गई।

उधर, वीआईपी काफिले को हाईवे से निकलवाने के लिए जुटी पुलिस सूचना पर आनन-फानन मौके पर पहुंची और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस ने हाईवे पर एकत्र लोगों और वाहनों को हटाकर यातायात सुचारू कराया।

 

हादसे के कुछ मिनट बाद ही पुलिस ने हाईवे से गुजरे आरएसएस के राष्ट्रीय सर संघ चालक मोहन भागवत के काफिले को निकलवाया। थाना प्रभारी संजय शर्मा का कहना है कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। फरार ट्रक चालक की तलाश की जा रही है।

फोन कॉल से हुई शिनाख्त
मृतक उमंग की जेब से मिले मोबाइल पर हादसे के बाद घर से कॉल आई थी। उस समय फोन दरोगा अबरार के पास था। वह शिनाख्त का प्रयास कर रहे थे। कॉल आने पर पुलिस ने मृतकों की शिनाख्त करते हुए परिजनों को जानकारी दी। हादसे की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं मृतका शैली के गांव लोईया में भी शोक की लहर दौड़ गई। परिजन मौके पर पहुंचे। मृतक शैली के बेटा अक्षय और बेटी जिया है। मां की मौत के बाद उनके भी आंसू नहीं थम रहे थे।

हाईवे पर खतरनाक हो गया है कट
सिवाया टोल प्लाजा के पास कट बहुत ही खतरनाक हो रहा है। सिवाया भराला झाल पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है। टोल प्लाजा से बचकर वाहन स्वामी वहां से निकलते हैं। यहां से निकलना मुश्किल हो गया है।
उमंग के पिता की हार्ट अटैक से हुई थी मौत
मृतक उमंग के पिता विनेश कुमार की करीब दो साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह गांव के ही स्कूल में शिक्षा मित्र थे। उमंग की मौत के बाद उसकी मां आदेश और भाई अंशुल और बहन स्वेता का रोकर बुरा हाल है।