रायबरेली। जिले के चार लाख 75 हजार किसानों के लिए कभी ओले तो कभी बारिश मुसीबत बनी है। बृहस्पतिवार रात एक बार फिर हवा और बारिश से गेहूं की करीब 500 बीघे फसल धराशायी हो गई। जबकि सरसों की फसल को भी काफी नुकसान हुआ। खेतों मे पड़े गेहूं के बोझ भीग गए। इससे मड़ाई का काम ठप हो गया है। मौसम का यही हाल रहा तो इस बार किसानों को काफी नुकसान होने का अनुमान है।
जिले में इस बार एक लाख 33 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोआई की गई है। 40 फीसदी गेहूं की फसल पक चुकी है वहीं अगले पंद्रह दिन में शेष फसल पक जाने की उम्मीद थी। ऐसे में बृहस्पतिवार रात मौसम का मिजाज बदल गया। शहर के साथ ही जगतपुर, रोहनिया, ऊंचाहार, राही, अमावां, हरचंदपुर समेत अन्य ब्लॉक क्षेत्रों में तेज हवा के साथ बारिश हुई। इससे गेहूं की फसल खेतों में गिर गई। सबसे ज्यादा नुकसान खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल और बोझ भीगने से हुआ। मड़ाई का कार्य ठप हो गया। अब किसानों को मड़ाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा। वहीं जिले में करीब 5 हजार हेक्टेयर में बाेई गई सरसों की फसल को 10 प्रतिशत को नुकसान पहुंचा है।
गौरतलब है कि दस दिन पहले भी बारिश और ओले गिरने से गेहूं, सरसों व चने की फसल को भारी नुकसान हुआ था। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने फसल नुकसान का सर्वे कराया था। जिला प्रशासन के अफसरों का दावा था कि यहां पर 33 फीसदी से कम फसल नुकसान हुआ है। इससे किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा। अब फिर हवा और बारिश से गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। इससे किसानों के चेहरे मायूस हैं।
इस बार लागत निकालना हो जाएगा मुश्किल
रोहनिया ब्लॉक के किसान रिंकू द्विवेदी व पिंकू सिंह कहते हैं कि गेहूं की फसल खेतों में कटी पड़ी होने से बारिश से भीग गई। इससे गेहूं की फसल की मड़ाई का काम बंद हो गया है। अब फसल की मड़ाई करने में बालियां टूटकर खेतो में गिर जाएंगी। इससे नुकसान होगा। किसान रवी कुमार, रामफेर पटेल कहते हैं कि गेहूं की फसल गिरने से काफी नुकसान हुआ है।
जिले में हवा चलने के साथ बारिश हुई है लेकिन फसलों का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। किसान समय से गेहूं की फसल की मड़ाई का कार्य कर लें।
– रविचंद्र प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी