यमुना प्राधिकरण सेक्टर 21 में 1000 एकड़ जमीन पर यूपी की फिल्म सिटी विकसित करने जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक बड़ा सपना पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। दरअसल, योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी को लेकर यमुना अथॉरिटी ने दूसरी बार भी ग्लोबल टेंडर जारी किया था, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी अंतिम तारीख निकलने के बाद भी किसी कंपनी ने अपनी रुचि फिल्म सिटी के डेवलपमेंट में नहीं दिखाई है। लगातार दो बार टेंडर निकाले जाने के बाद किसी कंपनी के आगे न आने से योगी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।

PPP मॉडल पर विकसित किया जाना है प्रोजेक्ट

बता दें कि सीएम योगी ने यूपी की अपनी फिल्म सिटी के लिए काफी जोर-शोर से प्रचार किया था, लेकिन अब इसके विकास के लिए किसी के आगे न आने की वजह से यमुना अथॉरिटी की चिंता बढ़ गई है। इसके साथ ही अथॉरिटी ने अब अन्य विकल्पों पर भी विचार शुरू कर दिया है। यमुना प्राधिकरण सेक्टर 21 में 1000 एकड़ जमीन पर यूपी की फिल्म सिटी विकसित करने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को PPP मॉडल पर विकसित किया जाना है।

लगातार दूसरी बार भी कोई आगे नहीं आया
अथॉरिटी ने 1 साल पहले इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाले थे, लेकिन उस दौरान कोई कंपनी फिल्म सिटी विकसित करने के लिए आगे नहीं आई थी। इसके चलते यमुना प्राधिकरण ने नियमों में कुछ फेरबदल कर फिर से ग्लोबल टेंडर निकाले, जिसके आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च थी। हालांकि इस बार भी अंतिम तारीख बीत गई और कोई भी कंपनी टेंडर डालने के लिए आगे नहीं आई। ऐसे में फिल्म सिटी का काम अधर में लटकता हुआ दिखाई देने लगा है।

अब अन्य विकल्पों पर हो रहा है विचार
हालांकि ऐसा भी नहीं है कि फिल्म सिटी में किसी का कोई इंटेरेस्ट नहीं है। हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े निर्माता-निर्देशक केसी बोकाडिया और फिल्म स्टार रजनीकांत भी यहां जमीन लेने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। ऐसे हालात में अब यमुना अथॉरिटी इस बात पर भी विचार कर रही है कि वह फिल्म सिटी को एक ही बार PPP मॉडल में न बनाकर अलग-अलग 4 हिस्सों में बांटकर इसे डेवलप करे।