सीए श्वेताभ तिवारी की हत्या का एसएसपी हेमराज मीना ने खुलासा किया। करोड़ों की संपत्ति हथियाने के लिए भाजपा नेता ने सीए श्वेताभ तिवारी की हत्या कराई थी। शूटर और साजिश रचने में शामिल रहे प्रॉपर्टी डीलर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
कुशांक गुप्ता हत्याकांड की साजिश रचने वाले भाजपा नेता ललित कौशिक ने ही सीए श्वेताभ तिवारी की हत्या कराई थी। पुलिस ने भाजपा नेता के करीबी शूटर केशव सरन शर्मा और प्रॉपर्टी डीलर विकास शर्मा को गिरफ्तार कर सीए हत्याकांड का भी खुलासा कर दिया। पुलिस का दावा है कि ललित ने श्वेताभ तिवारी की करोड़ों की संपत्ति हथियाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिलाया गया था।
एसएसपी हेमराज मीना ने शुक्रवार शाम सीए हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के साईं गार्डन निवासी सीए श्वेताभ तिवारी की दिल्ली रोड पर 15 फरवरी की रात गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय वह अपने दफ्तर के बाहर फोन पर बात कर रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार हमलावर आए और गोलियां बरसा कर भाग निकले थे।
शूटर ने डेढ़ घंटे किया था श्वेताभ तिवारी का इंतजार
कुशांक हत्याकांड की तर्ज पर ही 15 फरवरी की रात करीब आठ बजे केशव सरन शर्मा व खुशवंत सिंह बाइक पर सवार होकर दिल्ली रोड स्थित सीए श्वेताभ तिवारी के दफ्तर पहुंचे थे। दोनों ने डेढ़ घंटे तक श्वेताभ तिवारी का दफ्तर से बाहर निकलने का इंतजार किया था। श्वेताभ तिवारी दफ्तर से बाहर आए तो उस वक्त दो और व्यक्ति मौजूद थे।
जिस कारण केशव ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। इसके बाद सीए अपने कारोबारी पार्टनर से कार में बैठकर बातें करने लगे। इस बीच सीए के मोबाइल फोन पर कॉल आई और वह कार से निकल कर बात करने लगे। श्वेताभ तिवारी के सिर में पीछे से पहली गोली मारी। इसके बाद कई गोलियां चलाई और अंत में एक और गोली मारी।
मुरादाबाद। एसएसपी ने बताया कि ललित कौशिक व केशव सरन शर्मा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे, लेकिन बात सिर्फ वाट्सएप कॉल पर होती थी। कुशांक हत्याकांड के बाद दोनों के बीच सामान्य काल पर एक भी बात नहीं हुई। लेकिन दोनों के मोबाइल फोन के वाट्सएप का रिकार्ड खंगालते ही सच सामने आ गया। इसके साक्ष्य पुलिस ने संकलित कर लिए हैं। विकास शर्मा और खुशवंत सिंह भी मोबाइल फोन पर बातचीत के लिए वाट्सएप कॉल का इस्तेमाल करते थे।
मुरादाबाद। सीए श्वेताभ तिवारी ने दिल्ली रोड पर बंसल कॉमपलेक्स में श्वेताभ चार्टर्ड अकाउंटेट्स के नाम पर दफ्तर खोला था। जिसमें श्वेताभ तिवारी के अलावा दो और पार्टनर अखिल अग्रवाल और आलोक रस्तोगी हैं। चौथे पार्टनर संदीप बंसल की मृत्यु हो गई थी।
श्वेताभ तिवारी हत्याकांड के खुलासे के लिए एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया और सीओ अनूप सिंह के नेतृत्व में पांच टीमों को गठन किया गया था। टीमों ने डेढ़ माह की मेहनत के बाद इस हत्याकांड का खुलासा किया है। डीआईजी शलभ माथुर की ओर से खुलासा करने वाली टीमों को चालीस हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।