केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कड़े शब्दों में निशाना साधा और उन्हें राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यकर्ता की मौत को लेकर ममता सरकार पर निशाना साधते हुए अनुराग ठाकुर ने ममता बनर्जी पर अपने भाषणों के माध्यम से पक्षपाती रवैया अपनाने और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।

अनुराग ठाकुर पार्टी के कार्यकर्ता राजू झा की मौत पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। राजू झा की पश्चिम बंगाल के पुरबा बर्धमान के शक्तिगढ़ में शनिवार रात कुछ अज्ञात बदमाशों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, बंगाल में राम भक्तों पर लाठियों से हमला किया जाता है, पथराव किया जाता है, बम फेंके जाते हैं, आगजनी होती है, हिंसा होती है और रामनवमी के दौरान शोभा यात्रा रोक दी जाती है। और ये सब ममता बनर्जी की नाक के नीचे हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि वह (ममता बनर्जी) राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति कैसे बिगड़ती है, इसके लिए रोल मॉडल हैं। यह देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री कैसे पक्षपाती और हिंदू विरोधी हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘उन्होंने तमाम हिंसाओं के लिए अपनी आंखें बंद कर रखी हैं और खुद को सिर्फ एक वर्ग तक सीमित कर लिया है।

उनके भाषणों में यह भी देखा जा सकता है कि कैसे वह एक वर्ग के साथ खड़ी होती हैं और हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काती हैं। इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्य में सांप्रदायिक झड़पों को लेकर बंगाल सरकार पर हमला बोला था। ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, ममता दीदी सो रही हैं। वह एक तबके को सुरक्षा मुहैया करा रही हैं। हिंदू समुदाय की ‘शोभा यात्रा’ के दौरान पथराव, आगजनी और हिंसा की घटनाओं पर वे चुनिंदा रुख अपनाती रहीं हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक मुख्यमंत्री के संरक्षण में हिंदुओं पर हमला किया जाता है और वह केवल एक दर्शक की भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा, एक मुख्यमंत्री होने का क्या मतलब है कि जब आप चुनी जाती हैं तो हिंसा होती है और अब फिर से रामनवमी के दौरान हिंसा हुई है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 30 मार्च को रामनवमी समारोह के दौरान हावड़ा में दो समूहों की बीच आपस में झड़प हो गई थी। इस दौरान कई वाहनों में आग लगा दी गई और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने शनिवार को कहा था कि इस मामले में कुल 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, दो मामले दर्ज किए गए हैं और कुछ इलाकों में धारा 144 लगाई गई है।