समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करीबी एटा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की गई। आज उनके आवास पर प्रशासन का बुलडोजर चला, इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में समाजवादी पार्टी से घनिष्ठ संबंध रखने वाले एटा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव और उनके बड़े भाई व पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव के घर पर बुलडोजर चला। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले सपा नेता का आगरा में भगवान टॉकीज चौराहे के पास स्थित आलीशान होटल नीलकंठ भी कुर्क कर लिया गया था।

शहर के प्रेम नगर स्थित सपा नेता जुगेंद्र सिंह यादव के आवास पर प्रशासन व पालिका द्वारा बुलडोजर चलाया गया। यहां पर सपा नेता द्वारा नाले पर अतिक्रमण कर घर का मुख्य दरवाजा बना रखा था। शिकायत के आधार पर पालिका व प्रशासन ने बुलडोजर के माध्यम से अतिक्रमण को हटाया। इस दौरान एसडीएम शिव कुमार, ईओ एसके गौतम समेत पुलिस बल मौजूद रहा।

बता दें सपा नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव को नौ मार्च 2023 को मथुरा के जैत थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। वहीं ठीक नौ महीने पहले उनके बड़े भाई व सपा के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव को  नौ अप्रैल 2022 को आगरा से गिरफ्तार किया गया था।

सपा सरकार में था गजब का दबदबा

दोनों ही राजनेता भाई एटा की राजनीति में कद्दावर नेता माने जाते थे। सपा सरकार में इनका दबदबा जिले से लेकर सैफई परिवार से होते हुए लखनऊ तक रहता था। जिसके चलते उनके खिलाफ बोलने की कोई हिम्मत भी नहीं जुटा पाता था। 2017 में सत्ता परिवर्तन के बावजूद इनके रसूख में कमी नहीं आई थी और दोनों ही जिले की राजनीति में पूरी दबंगई के साथ भाजपा से संघर्ष करते रहे, लेकिन कार्यकाल के आखिरी वर्ष 2021 में ये सत्ता के निशाने पर आ गए।

कसता जा रहा है शिकंजा

दोनों नेताओं के विरुद्ध अवैध कब्जों को लेकर संपत्ति ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। साथ ही विभिन्न आपराधिक मुकदमों का लिखना शुरू हो गया। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद शिकंजा पूरी तरह कस दिया गया। इसमें 18 अप्रैल 2022 को कोतवाली नगर में दोनों पर लिखा गया गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा उन पर सबसे बड़ा प्रहार था।इसी मुकदमे के दम पर डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने 17 जून 2022 को दोनों की तमाम चल-अचल संपत्तियां कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया। जिसके पालन में पुलिस और प्रशासन ने एटा से लेकर फर्रुखाबाद, आगरा, कानपुर, गाजियाबाद तक की संपत्तियां कुर्क कर डालीं।