नगरीय निकाय चुनाव के िलए आज सीटों का अंतिम आरक्षण जारी हो सकता है। समाजवादी पार्टी की आपत्तियों के कारण निस्तारण में ज्यादा समय लग रहा है। नौ या दस अप्रैल को चुनाव कार्यक्रम जारी किए जाने की संभावना है।

नगरीय निकाय चुनाव के लिए सीटों के फाइनल आरक्षण की अधिसूचना रविवार को जारी हो सकती है। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग 9-10 अप्रैल तक चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। नगर विकास विभाग की ओर से निकाय चुनाव के लिए सीटों के अनंतिम आरक्षण की अधिसूचना 30 मार्च को जारी हुई थी।

विभाग की ओर से अनंतिम आरक्षण पर 6 अप्रैल तक आपत्तियां मांगी गई थी। जिलाधिकारियों से लेकर विभाग के निदेशालय तक नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और महापौर पद पर आरक्षण में 2000 से अधिक आपत्तियां मिली हैं। विभाग की टीम ने प्रत्येक आपत्ति का अध्ययन कर उसके निस्तारण की कार्यवाही बृहस्पतिवार से ही शुरू कर दी थी। शुक्रवार को भी आपत्तियों के निस्तारण की कार्यवाही चलती रही।

विभाग के सूत्रों के मुताबिक शनिवार दोपहर तक आपत्तियों का निस्तारण होने के बाद 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों में सीटों के आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद सरकार ओर से चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग को भेजने की तैयारी है।

सपा की आपत्तियों के निस्तारण पर चली लंबी कार्यवाही
समाजवादी पार्टी की ओर से सीटों के आरक्षण पर जताई गई आपत्तियों पर नगर विकास विभाग को जमकर मशक्कत करनी पड़ी। सपा की ओर से जताई गई प्रत्येक आपत्ति के निस्तारण के लिए विधिक राय भी ली गई। प्रत्येक आपत्ति का निस्तारण करते हुए उसका जवाब भी दिया जाएगा। देर रात तक सपा की आपत्तियों के निस्तारण की कार्यवाही चलती रही। विभाग की ओर से आपत्तियों का निस्तारण कर चरणबद्ध तरीके से अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।

इस बार शहरी निकाय चुनाव में ज्यादा खर्च कर सकेंगे उम्मीदवार

उप्र नगरीय नगर निकाय चुनाव में इस बार प्रत्याशी ज्यादा खर्च कर पाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ा दी है।
पिछले चुनाव में नगर निगम महापौर पद पर चुनाव में खर्च की सीमा 25 लाख रुपये थी। इस बार नई सीमा तय की गई है। जिस निगम में 80 से ज्यादा वार्ड हैं वहां महापौर प्रत्याशी 40 लाख रुपये और 80 से कम वार्ड वाले नगर निगम में महापौर के उम्मीदवार 35 लाख रुपए तक खर्च कर पाएंगे।

पार्षद ढ़ाई लाख की बजाय इस बार तीन लाख रुपये खर्च कर पाएंगे। इस तरह नगर पालिका में जहां 25 से 40 वार्ड हैं वहां अध्यक्ष उम्मीदवार पहले 6 अधिकतम छह लाख खर्च कर सकते थे। अब 9 लाख तक खर्च कर सकेंगे। 41 से 55 वार्ड की नगर पालिका में दावेदार 8 लाख की बजाय 12 लाख खर्च कर सकेंगे। सभासद 1.5 की बजाय 2 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भी अधिकतम खर्च सीमा 1.5 से बढ़ाकर 2 लाख रुपये जबकि सदस्य के लिए 30000 से बढ़ाकर 50000 रुपये कर दी है।

महापौर उम्मीदवार को देनी होगी 12 हजार रुपये जमानत राशि
महापौर पद के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र का मूल्य एक हजार रुपये, जमानत राशि 12000 रुपये, पार्षद के लिए मूल्य 400 रुपये एवं जमानत राशि 2500 रुपये तय की गई है। एससीएसटी, महिला एवं ओबीसी वर्ग के लिए महापौर पद के नामांकन पत्र का मूल्य 500 रुपये तथा जमानत राशि 6000 रुपये, पार्षद के लिए 200 एवं 1250 रुपये तय की गई है।

नगर पालिका अध्यक्ष के लिए नामांकन पत्र की कीमत सामान्य वर्ग के लिए 500 रुपये, जमानत राशि राशि 8000 रुपये, एससीएसटी, महिला ओबीसी के लिए 250 एवं 4000 रुपये तय की है।

सामान्य वर्ग के लिए नामांकन पत्र की कीमत 250 रुपये

सदस्य के लिए सामान्य के लिए 200, जमानत राशि 2000, एससीएसटी, महिला एवं ओबीसी के लिए 100 एवं 1000 रुपये तय किया गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद में सामान्य वर्ग के लिए नामांकन पत्र की कीमत 250 रुपये, जमानत राशि 5000 रुपये, एससीएसटी महिला एवं ओबीसी वर्ग के लिए नामांकन पत्र का मूल्य 125 तथा जमानत राशि 2500 रुपये तय की है। सदस्य के लिए इसी तरह सामान्य के लिए 100 रुपये, 2000 रुपये, एससीएसटी, महिला ओबीसी के लिए 50 एवं 1000 रुपये तय किए गए हैं।