इसके लिए शासन से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को एक बार फिर सक्रिय किया जाएगा। इसके साथ ही लक्षण ग्रस्त व संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की 24 घंटे में जांच अनिवार्य किया जाएगा।
तेज रफ्तार से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। 24 घंटे में जिले में 62 नए मरीजों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 278 हो गई है। इनमें से 13 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उधर बेकाबू हो रहे कोरोना से निपटने के लिए शुक्रवार को शासन की ओर से दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। विदेश से लौटने वाले यात्रियों की कोविड जांच अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए सर्विलांस टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।
वहीं, खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के लक्षण वाले मरीजों और कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की 24 घंटे के अंदर कोविड जांच अनिवार्य कर दी गई है। सभी कोविड प्रयोगशालाओं को सक्रिय कर दिया गया है। सरकारी व निजी अस्पतालों को कोविड जांच और संक्रमितों के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लखनऊ स्थित केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी लैब भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं फ्रंट लाइन वर्करों, निगरानी समितियों, सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी, सर्विलांस टीमों को सांस के रोगियों की पहचान कर कोविड जांच के लिए नमूने एकत्र करने के लिए निर्देशित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले की तरह आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्राम निगरानी समिति के सदस्यों की टीम को सक्रिय करने की हिदायत दी गई है। चिकित्सा अधिकारियों, पैरामेडिकल कर्मियों को कोविड-19 के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए हैं।
24 घंटे में संक्रमित के घर पहुंचेगी टीम
शासन ने रैपिड रिस्पांस टीमों को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक टीम में एक चिकित्सा अधिकारी को शामिल किया गया है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 24 घंटे के अंदर टीम मरीज के घर पहुंचकर कांटेक्ट ट्रेसिंग करेगी। लक्षण नजर आने पर तत्काल कमांड कंट्रोल सेंटर को सूचित करने की जानकारी परिजनों को दी जाएगी।
पांच दिन में सक्रिय मरीज दोगुने
पांच दिन में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या दोगुनी रफ्तार से बढ़ी है। 3 अप्रैल को जिले में 133 सक्रिय मरीज थे जो 7 अप्रैल को बढ़कर 278 हो गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि एक भी मरीज ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर नहीं है, लेकिन अस्पतालों में बढ़ रहा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा चिंता का सबब बना हुआ है।
शासन ने जारी किए यह दिशा-निर्देश
- शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में सर्विलांस के लिए गठित टीमें होंगी क्रियाशील।
- जनपद व ब्लॉक स्तर पर गठित रैपिड रेस्पांस टीमों को सक्रिय किया जाए।
- कोविड अस्पतालों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, दवाओं आदि की व्यवस्था की जाए।
- सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में कोरोना गाइडलाइन व मास्क का प्रयोग अनिवार्य।
- भीड़भाड़ वाले स्थान, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, मल्टीप्लेक्स, मॉल व बाजारों में कोविड नियमों का पालन जरूरी।