चीन ने जब से अरुणाचल प्रदेश के कई गांव का अपने नक्शे में नाम बदला है, तब से भारत सीमा पर पूरा नक्शा बदलने में ही जुट गया है। ताकि चीन को यह एहसास हो सके कि यह 1962 का नहीं, बल्कि 2022 का भारत है।

चीन ने जब से अरुणाचल प्रदेश के कई गांव का अपने नक्शे में नाम बदला है, तब से भारत सीमा पर पूरा नक्शा बदलने में ही जुट गया है। ताकि चीन को यह एहसास हो सके कि यह 1962 का नहीं, बल्कि 2022 का भारत है। लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम तक चीन से लगी सीमा पर लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच भारत के रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान रविवार को सिक्किम पहुंचे। वहां उन्होंने चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर सुरक्षा का बारीकी से जायजा लिया।

अब इसके बाद अगले ही दिन यानी कल सोमवार को देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के गांवों का दौरा करेंगे। जहां वह कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ ही साथ वाइब्रेंट विलेज की रूपरेखा को और मजबूत आधार देंगे। ताकि सीमा के किनारे बसे गांवों को हाईटेक बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना को तेजी से अमलीजामा पहनाया जा सके।

 

चीन में मची खलबली 

एक तरफ सिक्किम में CDS जनरल अनिल चौहान के पहुंचने और दूसरी तरफ अब सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश  में LAC से लगे गांवों में जाने की खबरों के बीच चीन में खलबली मच गई है। चीन को पता है कि भारत के सीडीएस और केंद्रीय गृह मंत्री का एक के बाद एक अचानक हो रहा सीमा क्षेत्र का यह दौरा यूं ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ ना कुछ गहरे राज हो सकते हैं। इस आशंका से ड्रैगन के खेमे में खलबली मची है। दरअसल भारत अपने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा की स्थिति को मजबूत बनाए रखना चाहता है। वह सेना के साजो सामान से लेकर सुरक्षा से जुड़े समस्त उपकरणों की तेजी से आपूर्ति कर रहा है। ताकि भारत की सेना जरूरत पड़ने पर चीन को मुंहतोड़ जवाब दे सके।

सीडीएस जनरल चौहान ने सिक्किम सेक्टर में तैयारियों का लिया जायजा

पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सिक्किम सेक्टर में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। जनरल चौहान को पश्चिम बंगाल के सुकना में सेना की त्रिशक्ति कोर के मुख्यालय दौरे के दौरान वरिष्ठ सैन्य कमांडर द्वारा इस क्षेत्र में भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों के बारे में अवगत कराया गया। सीडीएस ने उत्तर बंगाल क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा किया, जो रविवार को संपन्न हुआ। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जनरल चौहान ने त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के साथ उत्तर बंगाल में वायु सेना स्टेशन और अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया। सीडीएस ने दूर-दराज क्षेत्रों में तैनात जवानों से भी संवाद किया और उनके उच्च मनोबल की सराहना की।