इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि जालंधर के तेज बुहादुर नगर के रहने वाले जोकिंदर सिंह रविवार को वाघा बॉर्डर से लाहौर पहुंचे थे। इसके बाद मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।

पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहिब में आयोजित होने वाले बैसाखी मेले में शामिल होने के लिए भारत से पाकिस्तान पहुंचे एक भारतीय सिख तीर्थयात्री की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि दौरा पड़ने के कारण यात्री की मौत हुई है।

ऐसे हुई मौत
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि जालंधर के तेज बुहादुर नगर के रहने वाले जोकिंदर सिंह रविवार को वाघा बॉर्डर से लाहौर पहुंचे थे। इसके बाद मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। हाशमी ने बताया कि सिंह ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। इसलिए, उन्हें पास के अस्पताल में लेकर गए थे। वहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बीएसएफ को सौंपा शव
जिला अस्पताल ननकाना साहिब ने सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है। इसमें कार्डियक अरेस्ट को मौत का कारण बताया है। ईटीपीबी के अतिरिक्त सचिव राणा सलीम और पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार अमीर सिंह ने वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ को शव सौंप दिया है।

सिखों के पहले गुरु का यहीं हुआ था जन्म
इसके बाद, शेष सिख तीर्थयात्रियों को हसनाबादल में गुरुद्वारा पंजा साहिब के लिए रवाना कर दिया है। तीर्थयात्री 324वें खालसा जन्म दिवस मनाएंगे। यात्री 16 अप्रैल को करतारपुर, नरोवाल में गुरुद्वारा दरबार साहिब भी जाएंगे। 18 अप्रैल को वे भारत के लिए रवाना हो जाएंगे। सिखों के पहले गुरु का जन्म यहीं हुआ था। गुुरु नानक सिख धर्म के अनुसार सिखों के पहले गुरु हैं। इनका जन्म गुरुद्वारा ननकाना साहिब में ही हुआ था। इसलिए यह स्थान सिखों के लिए धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।