पीएम नरेंद्र मोदी ने जयपुर से दिल्ली कैंट के लिए वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जयपुर स्टेशन पर हुए उद्घाटन समारोह को दिल्ली से ही वीसी से संबोधित करते हुए पीएम ने कांग्रेस पर सियासी निशाना और सीएम गहलोत पर भी तंज कसा। मोदी ने कहा- गहलोत मेरे मित्र हैं, जो इन दिनों राजनीतिक आपाधापी और अनेक संकटों से गुजर रहे हैं।

पीएम मोदी ने वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ समारोह को लाइव संबोधित करते हुए कहा, गहलोत जी का मैं विशेष रूप से आभार प्रकट करता हूं, कि इन दिनों वो राजनीतिक आपाधापी में उनका अनेक संकटों से वो गुजर रहे हैं। उसके बावजूद भी विकास के काम के लिए समय निकालकर आए। रेलवे कार्यक्रम में आकर हिस्सा लिया। मैं उनका स्वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं। मैं गहलोत जी को कहना चाहता हूं, गहलोत जी आपके तो दो-दो हाथ में लड्डू हैं। रेलमंत्री भी आपके राजस्थान के हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं, तो आपके तो दो-दो हाथ में लड्डू हैं। यह कहकर मोदी ने ठहाके लगाकर हंसी छोड़ दी।

मोदी ने आगे कहा, जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, अब तक नहीं हो पाया। लेकिन आपका मुझ पर इतना भरोसा है, इतना भरोसा है कि वो काम भी आज आपने मेरे सामने रखे हैं। आपका ये विश्वास यही मेरी मित्रता की अच्छी ताकत है और एक मित्र के नाते आप जो भरोसा रखते हैं, इसके लिए मैं आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आप सभी और राजस्थान को फिर से मैं बधाई देता हूं।

‘ये ट्रेन राजस्थान की टूरिज्म इंडस्ट्री को भी बहुत मदद करेगी’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा, राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्र, सीएम मेरे मित्र अशोक गहलोत, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, राजस्थान सरकार के मंत्री, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, सांसद, विधायकों, सभी महानुभवों और राजस्थान के प्यारे भाईयों और बहनों। मां भारती की वंदना करने वाली राजस्थान की इस धरती को आज पहली वंदे भारत ट्रेन मिल रही है। दिल्ली कैंट अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस से जयपुर-दिल्ली आना जाना और आसान हो जाएगा। ये ट्रेन राजस्थान की टूरिज्म इंडस्ट्री को भी बहुत मदद करेगी। तीर्थराज पुष्कर हो या फिर अजमेर शरीफ, आस्था के ऐसे महत्व के स्थलों तक पहुंचने में भी अब श्रद्धालुओं को ज्यादा आसानी होगी।

‘एक वंदे भारत की यात्रा करने पर लोगों के करीब 2500 घंटे बचते हैं’
पीएम ने कहा, बीते दो महीनों में यह छठी वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसे हरी झंडी दिखाने का मुझे सौभाग्य मिला है। मुम्बई-शोलापुर वंदे भारत एक्सप्रेस, मुम्बई-शिरड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस, रानी कमलापति हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-तिरूपति वंदे भारत एक्सप्रेस, चेन्नई-कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस और अब जयपुर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस आज शुरू हो रही है। जब से ये आधुनिक ट्रेने शुरू हुई हैं। जब से करीब 60 लाख लोग इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ्तार वंदे भारत एक्सप्रेस की सबसे बड़ी विशेषता है, जो लोगों का समय बचा रही है। एक स्टडी है कि एक वंदे भारत की यात्रा करने पर लोगों के करीब 2500 घंटे बचते हैं। यात्रा में बचने वाले ये 2500 घंटे लोगों को अन्य कार्यों के लिए उपलब्ध हो रहे हैं। मेन्युफेक्चरिंग कौशल से लेकर सुरक्षा गारंटी तक, तेज रफ्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक वंदे भारत तमाम खूबियों से सम्पन्न है। यही सब खूबियों को देखते हुए आज देशभर में वंदे भारत ट्रेन का गौरव गान हो रहा है। वंदे भारत ने एक तरह से कई रेल की शुरुआत की है। वंदे भारत पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन है, जो मेड इन इंडिया है। वंदे भारत पहली ऐसी ट्रेन है जो कॉम्पैक्ट और एफिशिएंट है।

‘आजादी के बाद रेलवे आधुनिकीकरण पर राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा’
मोदी बोले, रेलों के विकास की यह यात्रा कल हमें विकसित भारत की यात्रा की ओर ले जाएगी। राजस्थान के लोगों को वंदे भारत ट्रेन के लिए मैं बहुत बहुत बधाई देता हूं। साथियों हमारे देश का दुर्भाग्य रहा है कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था जो सामान्य मानव के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है, उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था। आजादी के बाद भी भारत को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था। लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। मोदी ने कहा, राजनीतिक स्वार्थ को देखकर तब ये तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा, कौन नहीं बनेगा। राजनीतिक स्वार्थ ही तय करता था कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन पर चलेगी। राजनीतिक स्वार्थ ने ही बजट में ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणाएं करवाई, जो कभी चली ही नहीं। हालत ये थी कि रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था। हालत ये थी कि गरीब लोगों की जमीनें छीनकर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। देश में मौजूद हजारों मानव रहित क्रॉसिंग को भी अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया था। रेलवे की सुरक्षा, स्वच्छता, प्लेटफॉर्म की स्वच्छता सब कुछ नजर अंदाज कर दिया गया था।

‘सारी परिस्थितियों में बदलाव 2014 के बाद से आना शुरू हुआ’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इन सारी परिस्थितियों में बदलाव 2014 के बाद से आना शुरू हुआ है। जब देश के लोगों ने स्थिर सरकार बनवाई। जब देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार बनवाई। जब सरकार पर राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटास तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली और नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ पड़ी। आज हर भारतवासी भारतीय रेल का कायाकल्प होते देखकर गर्व से भरा हुआ है। राजस्थान के लोगों ने हमेशा हम सभी को अपना भरपूर आशीर्वाद किया है। शूरवीरों की इस धरती को आज हमारी सरकार नई सम्भावनाओं और नए अवसरों की धरती भी बना रही है। राजस्थान देश के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन में एक है। यह बहुत जरूरी है कि राजस्थान आने वाले सैलनियों का समय बचे, उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले, इसमें बहुत बड़ी भूमिका कनेक्टिविटी की है। राजस्थान की कनेक्टिविटी को लेकर जो काम बीते सालों में केंद्र सरकार ने किया है, वाकई स्वीकार करना होगा वो अभूतपूर्व हुआ है।

‘मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेसवे से राजस्थान के छह जिलों को बहुत लाभ होगा’
मोदी बोले, फरवरी में ही मुझे मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट हिस्से के लोकार्पण के लिए दौसा आने का मौका मिला था। इस एक्सप्रेसवे से दौसा के साथ ही अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों के लोगों को बहुत लाभ होगा। मोदी ने कहा, केंद्र सरकार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। अभी करीब 1000 किलोमीटर सड़कें राजस्थान में और बनाने का प्रस्ताव है।

तारंगा हिल-अम्बाजी-आबूरोड 100 साल से पुरानी रेललाइन की मांग पूरी…
मोदी बोले, हमारी सरकार रोड के साथ ही राजस्थान में रेल कनेक्टिविटी को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। तारंगा हिल से अम्बाजी होते हुए आबूरोड तक नई रेललाइन के निर्माण पर भी काम शुरू हो चुका है, इस रेललाइन की मांग 100 साल से भी पुरानी है, जो भाजपा सरकार ने ही पूरी की है। उदयपुर से अहमदाबाद के बीच रेल लाइन को भी ब्रॉडगेज में बदलने का काम हम पूरा कर चुके हैं। इससे मेवाड़ क्षेत्र गुजरात सहित देश के अन्य भागों से बड़ी लाइन से कनेक्ट हो गया है। बीते नौ साल में राजस्थान के करीब 75 फीसदी नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा किया जा चुका है।

साल 2014 में 700 करोड़, आज 9500 करोड़ राजस्थान का रेल बजट…
साल 2014 से पहले की तुलना में राजस्थान के रेल बजट में 14 गुणा से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है। 2014 से पहले राजस्थान के लिए औसत रेल बजट का लगभग 700 करोड़ के आसपास था, वहीं इस साल साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक है। इस दौरान रेल लाइनों को डबल करने की स्पीड भी दोगुणे से अधिक हुई है। रेलवे में गेज परिवर्तन और दोहरीकरण के जो काम बीते वर्षों में हुए हैं। उनका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों को हुआ है। डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, पाली और सिरोही जिलों में रेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है। रेल लाइनों के साथ-साथ राजस्थान के रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। दर्जनों रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है।

‘भारत गौरव सर्किट ट्रेन 70 से ज्यादा ट्रिप लगा चुकी’
टूरिस्ट की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकार अलग-अलग तरह की सर्किट ट्रेनों का भी संचालन कर रही है। भारत गौरव सर्किट ट्रेन अब तक 70 से ज्यादा ट्रिप लगा चुकी है। इन ट्रेनों में 15 हजार से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं। अयोध्या काशी, दक्षिण क्षेत्र, द्वारिका के दर्शन हों या सिख समाज के हमारे गुरूओं के तीर्थ स्थल हों, ऐसे अनेक स्थानों के लिए भारत गौरव सर्किट ट्रेनें आज चलाई जा रही हैं। हम अक्सर सोशल मीडिया पर देखते हैं कि यात्रियों से कितना अच्छा फीडबैक मिल रहा है और इन ट्रेनों को सराहना मिल रही है। ये ट्रेनें एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को भी लगातार सफल कर रही हैं।

राजस्थान में लगभग 70 ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ स्टॉल्स लगाए…
पीएम ने कहा, भारतीय रेलवे ने बीते वर्षों में एक और प्रयास किया है जिसने राजस्थान के स्थानीय उत्पादों को भी देशभर में पहुंचाने में मदद की है। ये है वन स्टेशन वन प्रोडक्ट अभियान। भारतीय रेल ने राजस्थान में लगभग 70 वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल्स लगाए हैं। इन स्टॉल्स में जयपुरी रजाईयां, सांगानेरी ब्लॉक प्रिंट की चादरें, गुलाब के बने उत्पाद और दूसरे हस्तशिप की जमकर बिक्री हो रही है। यानी राजस्थान के छोटे, किसान, कारीगर और हस्तशिल्पियों को बाजार तक पहुंचने का यह नया माध्यम मिल रहा है। यह ये विकास में सबकी भागीदारी यानी सबका विकास का प्रयास है। जब रेल जैसे कनेक्टिविटी का इंफ्रास्ट्रक्चर सशक्त होता है तो देश सशक्त होता है। इससे देश के सामान्य नागरिक, गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है। मुझे विश्वास है कि आधुनिक वंदे भारत ट्रेन राजस्थान के विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाएगी।