राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को तत्काल उड़न दस्ते बनाने को कहा है। निर्देश दिए गए हैं कि चेकिंग में यदि किसी के पास दो लाख रुपये या इससे ज्यादा मिलते हैं और उसका कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया जाता तो इस रकम को जब्त कर लिया जाए।

 

नगरीय निकाय चुनाव के लिए कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने कहा है कि कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेगा और दो पीसीएस अधिकारी इसकी निगरानी करेंगे। यहां आने वाले शिकायत पर तत्काल संज्ञान लिया जाएगा।

निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि है कि चुनाव पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष एवं शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना करा दी गई है। नियंत्रण कक्ष का परीक्षण एवं समय समय पर निरीक्षण करने के लिए उपायुक्त संजीव कुमार एवं सहायक आयुक्त दिग्विजय सिंह को अलग अलग पालियों की जिम्मेदारी दी गई है।

निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि यहां आने वाली कॉल को रिसीव न करने और उसका नियमानुसार निराकरण न करने पर संबंधित कर्मचारी की जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी प्रतिदिन नामांकन की सूचना , संवीक्षा, नाम वापसी आदि की सूचना, पोलिंग पार्टियों की रवानगी एवं सकुशन पहुंचने, मतदान के दिन मतदान प्रतिशत की सूचना प्राप्त करने एवं संकलित करने का काम करेंगे।

आयोग में फोन नंबर – 0522-2630115, 2630130, 2630171, 2630140 एवं ईमेल secup@up.nic.in, secup-election@up.gov.in पर प्राप्त होने वाली शिकायतों को नियंत्रण कक्ष में प्राप्त करेंगे और नियमानुसार निस्तारण कराने के लिए पाली प्रभारी से हस्ताक्षर कराएंगे। चुनाव तक कंट्रोल रूम काम करेगा। इसमें तीन पालियों में आयोग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तैनात किया गया है।

अभिलेख नहीं दिखाए तो जब्त होगी दो लाख से अधिक की नकदी
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को तत्काल उड़न दस्ते बनाने को कहा है। निर्देश दिए गए हैं कि चेकिंग में यदि किसी के पास दो लाख रुपये या इससे ज्यादा मिलते हैं और उसका कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया जाता तो इस रकम को जब्त कर लिया जाए। इसकी सूचना आयकर विभाग को भी दी जाए।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि निकाय वार उड़नदस्तों का गठन किया जाएगा। उड़नदस्ते अवैध नकदी का आदान प्रदान, शराब का वितरण या कोई अन्य संदेहास्पद वस्तु जो मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए लाई जा रही हो, का पता लगाएंगे। प्रत्येक दस्ते में एक वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा एक पुलिस स्टेशन से वरिष्ठ अधिकारी लगाया जाएगा।

साथ ही एक वीडियोग्राफर तथा आवश्यकतानुसार शस्त्रधारक पुलिसकर्मी भी तैनात होंगे। दस्ते को एक वाहन, एक वीडियो कैमरा, एक मोबाइल फोन सहित आवश्यक दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे। जिन जनपदों में मतदान समाप्त हो जाएगा वहां तत्काल चेकिंग बंद कर दी जाएगी। दस्ते की प्रतिदिन की कार्रवाई का विवरण जिला स्तरीय कमेटी को देना होगा। राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं, व्यापारियों व अन्य के साथ कार्रवाई के दौरान पूरी नम्रता और शिष्टाचार का ध्यान रखा जाए।