भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के मुख्य वार्ताकार पांचवें दौर की वार्ता के लिए 19-23 जून को नई दिल्ली में बैठक करने वाले हैं। भारत और 27 देशों के समूह ने व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतकों (जीआई) पर प्रस्तावित समझौतों पर आठ साल के अंतराल के बाद पिछले साल 17 जून को बातचीत फिर से शुरू की थी। वाणिज्य सचिव स्तर के शीर्ष अधिकारी वार्ता की प्रगति की समीक्षा के लिए अगस्त में बैठक करेंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि यूरोपीय संघ के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में भारत किसानों और डेयरी क्षेत्र के हितों का ध्यान रखेगा। वह दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ाने के तरीकों पर नेताओं और निजी क्षेत्र के साथ चर्चा करने के लिए एक आधिकारिक यात्रा पर यहां आए थे। मंत्री भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन के लिए पेरिस भी गए थे। गोयल ने कहा कि इटली और फ्रांस ने भारत-यूरोपीय संघ व्यापार समझौते के लिए बातचीत को जल्द पूरा करने के लिए अथक समर्थन की पेशकश की है।
भारत ने व्यापार समझौतों से जुड़े बैठकों के दौरान आर्थिक स्थितियों व प्रति व्यक्ति आय पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि इटली और फ्रांस में बैठकों के दौरान भारत ने दोनों क्षेत्रों में विभिन्न आर्थिक स्थितियों और प्रति व्यक्ति आय पर जोर दिया है। लेकिन भारत यूरोपीय संघ के कारोबार के लिए जिस तरह के कारोबारी अवसर मुहैया कराता है, वह बहुत बड़े हैं और दुनिया में कोई भी ऐसे मौके उपलब्ध नहीं करा सकता। उन्होंने कहा, ‘इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हम एफटीए करेंगे… हम किसानों और डेयरी क्षेत्र के हितों की रक्षा करेंगे… हमने यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी ऐसा किया है।”
बता दें कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के मुख्य वार्ताकार पांचवें दौर की वार्ता के लिए 19-23 जून को नई दिल्ली में बैठक करने वाले हैं। भारत और 27 देशों के समूह ने व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतकों (जीआई) पर प्रस्तावित समझौतों पर आठ साल के अंतराल के बाद पिछले साल 17 जून को बातचीत फिर से शुरू की थी। वाणिज्य सचिव स्तर के शीर्ष अधिकारी वार्ता की प्रगति की समीक्षा के लिए अगस्त में बैठक करेंगे।
भारत ने 2007 में यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू की थी, लेकिन 2013 में वार्ता रुक गई क्योंकि दोनों पक्ष ऑटोमोबाइल व स्पिरिट पर सीमा शुल्क और पेशेवरों की आवाजाही सहित प्रमुख मुद्दों पर एक समझौते पर पहुंचने में विफल रहे। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को भारत 65 अरब डॉलर का निर्यात करता है जबकि उन देशों से 51.4 अरब डॉलर का आयात किया जाता है।
पीयूष गोयल ने कहा- ‘भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा… यह संभव नहीं है
गोयल ने कहा कहा, ‘भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा… यह संभव नहीं है।” यूरोपीय संघ की ओर से मेटल सेक्टर जैसे कुछ क्षेत्रों पर कार्बन कर लगाने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि यह मुद्दा चर्चा का हिस्सा है। भारत ने पहले कहा था कि वह कार्बन टैक्स लगाने की यूरोपीय संघ की घोषणा के बारे में चिंतित है। उन्होंने कहा कि इस तरह के उपायों के लिए नई दिल्ली को मुक्त व्यापार समझौते के प्रति अपने दृष्टिकोण को फिर से विकसित करने की आवश्यकता है।
यूरोपीय संघ इस साल 1 अक्टूबर से कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) शुरू कर रहा है। सीबीएएम के तहत 01 जनवरी, 2026 से यूरोपीय संघ में चुनिंदा आयात पर 20-35 प्रतिशत कर लगेगा।आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ की ओर से लागू किए जा रहे कार्बन सीमा समायोजन तंत्र का भारत के यूरोपीय संघ को लौह, इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों जैसी धातुओं के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वर्ष 2022 में भारत ने यूरोपीय संघ को 8.2 अरब डॉलर का लौह, इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पाद निर्यात किया है। यह आंकड़ा इन धातुओं के कुल भारतीय निर्यात का 27 प्रतिशत है।