जम्मू-कश्मीर की स्थानीय प्रशासन ने यहां की जामिया मस्जिद में रमजान के आखिरी शुक्रवार ‘जुम्मत-उल-विदा’ की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी।

जम्मू-कश्मीर में रमजान के आखिरी जुमे की नमाज को लेकर घमासान मचा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर की स्थानीय प्रशासन ने यहां की जामिया मस्जिद में रमजान के आखिरी शुक्रवार ‘जुम्मत-उल-विदा’ की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी। इसे लेकर मस्जिद के प्रबंधन ने कड़ी आपत्ति जताई है। श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में जामिया मस्जिद स्थित है।

‘मस्जिद के द्वार बंद करने के लिए कहा’

जामिया मस्जिद के प्रबंधन ने एक बयान में कहा, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों ने आज सुबह जामिया मस्जिद का दौरा किया और हमें मस्जिद के द्वार बंद करने के लिए कहा, क्योंकि प्रशासन ने फैसला किया था कि आज मस्जिद में जुम्मे-उल-विदा की नमाज की इजाजत नहीं दी जाएगी।”

‘सभी हिस्सों से जामिया मस्जिद आते हैं लोग’

प्रबंधन ने अधिकारियों के इस कदम पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस फैसले से उन लाखों मुसलमानों को परेशानियां हुईं, जो परंपरागत रूप से रमजान के अंतिम शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए सभी हिस्सों से जामिया मस्जिद में आते हैं।

शांति का हवाला देकर प्रशासन ने लगाई रोक

घाटी में कई सालों से सामूहिक नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। अब घाटी में आर्टिकल 370 हटने के बाद स्थिति सामान्य होने का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद सामूहिक नमाज का ऐलान किया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रशासन का कहना है कि घाटी में शांति है, लेकिन हम किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठा सकते। शांति का हवाला देते हुए प्रशासन ने सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी।