इनमें से कुछ नाराज हो गए और पार्टी छोड़ देने का फैसला कर लिया है। सुल्या सीट से दलित नेता और बोम्मई सरकार में मंत्री रहे एस अंगारा ने पार्टी के फैसले से नाराज होकर चुनावी राजनीति से रिटायरमेंट लेने का एलान कर दिया है।

कर्नाटक विधान सभा चुनाव के मद्देनजर BJP ने अब तक 224 में से 212 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। भाजपा द्वारा जारी 2 लिस्टों के मुताबिक 66 नए चेहरों को इस बार चुनावी टिकट दिया गया है। लेकिन भाजपा द्वारा जिन नेताओं के टिकट को काटा गया है उनमें से कुछ नेताओं ने बगावती सुर अपना लिया है। 212 सीटों में अब तक 18 सीटिंग MLA का टिकट काटा गया है। इनमें से कुछ नाराज हो गए और पार्टी छोड़ देने का फैसला कर लिया है। सुल्या सीट से दलित नेता और बोम्मई सरकार में मंत्री रहे एस अंगारा ने पार्टी के फैसले से नाराज होकर चुनावी राजनीति से रिटायरमेंट लेने का एलान कर दिया है।

भाजपा में बगावती सुर

वहीं मुडीगेरे से BJP विधायक एमपी कुमारस्वामी ने विधायक पोस्ट और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कुमारस्वामी के JDS में शामिल होने खबर है। होसदुर्गा से भाजपा विधायक गुलीहट्टी शेखर ने टिकट न मिलने से भाजपा छोड़ दिया है और वो शेखर माइनिंग बेरोन जनार्दन रेड्डी की नई पॉलिटिकल पार्टी ज्वाइन करेंगे। पिछले साल करप्शन के आरोप में अदालत में दोषी ठहराए गए भाजपा के हावेरी से विधायक नेहरू ओलेकर ने टिकिट नहीं दिए जाने के कारण पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

लिंगायत के नेता ने छोड़ा भाजपा का दामन

बता दें कि विधायकों के बगावती सुर के बीच भाजपा को एक और तगड़ा झटका लगा है क्योंकि लिंगायत समुदाय के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मम सावदी ने भी भाजपा से किनारा कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बता दें कि सावदी अथनी विधानसभा सीट से 3 बार विधायक रह चुके हैं। वहीं पिछले साल वो चुनाव हार गए थे। उन्हें हराने वाले कांग्रेस के महेश कुम्टहल्ली 2019 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और उप चुनाव भी जीत गए। इस कारण इस बार भी लक्ष्मण सावदी की जगह महेश कुम्टहल्ली को ही पार्टी ने टिकिट दिया। हालांकि 2019 में भाजपा ने लक्ष्मण सावदी को MLC बनाकर मंत्री भी बनाया था। टिकिट न मिलने से नाराज भाजपा के नेता अब पार्टी छोड़ रहे हैं।