उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को हुई थी। इस मामले में शाइस्ता को भी नामजद किया गया। जिसे अब तक पकड़ा नहीं जा सका। वारदात वाली रात शाइस्ता खुद धूमनगंज थाने पहुंची थी।
उमेश पाल हत्याकांड में जिस शाइस्ता परवीन की पुलिस को तलाश है वह उमेशपाल की हत्या वाली रात ही धूमनगंज थाने पहुंची थी। वहां पहुंचकर उसने घर से उठाए गए नाबालिग बेटों की जानकारी मांगी थी। अब सवाल यह है कि आखिर संदिग्ध होने के बावजूद पुलिस ने उसे हिरासत में क्यों नहीं लिया?
उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को हुई थी। इस मामले में शाइस्ता को भी नामजद किया गया। जिसे अब तक पकड़ा नहीं जा सका। पति व देवर के सुपुर्द-ए-खाक के मौके पर भी वह सामने नहीं आई। अब एक अहम जानकारी सामने आई है।
वह यह है कि वारदात वाली रात शाइस्ता खुद धूमनगंज थाने पहुंची थी। यह दावा उसने खुद उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए जाने के बाद अग्रिम जमानत के लिए दिए गए अपने आवेदन में किया था।
उसने यह भी बताया था कि उमेश पाल हत्याकांड में अपना बयान दर्ज कराने के लिए उसने दो मार्च को विवेचक को प्रार्थनापत्र भी दिया था। लेकिन न ही उसे बुलाया गया और न ही बयान दर्ज किया गया।