जिला जज की अदालत में मंदिर पक्ष की ओर से दाखिल पूरे ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच (एएसआइ सर्वे) की मांग के प्रार्थना पत्र पर थोड़ी देर में फैसला आने वाला है। इस मामले में सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पिछली सुनवाई पर मस्जिद पक्ष ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की मांग की थी। वहीं मंदिर पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक विधि से जांच को इस मुकदमे के लिए बेहद अहम बताया था।
बीते 12 मई को हाई कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया है। इसके बाद 19 मई को मंदिर पक्ष ने जिला वाराणसी की अदालत में पूरे ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक विधि से जांच की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था।
उनका कहना था कि ज्ञानवापी के उस हिस्से जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील है को छोड़कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की जानी चाहिए। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को आदेश देने की मांग किया। इसका विरोध करते हुए मस्जिद पक्ष ने अदालत में कहा कि इससे वहां मौजूद मस्जिद को नुकसान पहुंचेगा।
इससे मुकदमे का महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रभावित होगा। उनका कहना था कि बीते वर्ष मई माह में पांच दिन एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही हुई जिसकी रिपोर्ट अदालत में दाखिल है। इस पर अभी तक चर्चा नहीं हो सकी है। ऐसे में एक और सर्वे की मांग को खारिज किया जाना चाहिए।