राजस्व मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है.

दिल्‍ली  में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. आज यमुना का जलस्तर सुबह 6 बजे 206.56 मीटर पहुंच गया है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है. ऐसे में दिल्‍ली सरकार फिर अलर्ट मोड में आ गई है. अधिकारियों ने कहा कि नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है.

यमुना नदी का जलस्तर सोमवार सुबह खतरे से निशान 205.33 मीटर से एक मीटर से अधिक ऊपर रहा, जिसके कारण प्राधिकारियों ने ‘ओल्ड रेलवे ब्रिज’ (ओआरबी) पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ओआरबी पर रेलगाड़ियों का परिचालन यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण निलंबित कर दिया गया है. अधिकारी ने कहा, “दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग बंद रहेगा और रेलगाड़ियों को नयी दिल्ली के रास्ते भेजा जाएगा.” अधिकारियों के मुताबिक, नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है.

…तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं

राजस्व मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है. उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचता है, तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं. यमुना का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास है. 13 जुलाई को यह रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था.

सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के मुताबिक, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर शनिवार सुबह नौ बजे एक लाख के आंकड़े के पार चली गई और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही. इसके बाद से जल प्रवाह की दर 1.5 लाख क्यूसेक से दो लाख क्यूसेक के बीच है. ‘साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपुल’ के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, “इस मात्रा में पानी होने से राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम दर्जे की बाढ़ का जोखिम पैदा होता है, जो जुलाई के दूसरे सप्ताह में आई बाढ़ से अब भी उबर रही है.” उन्होंने कहा, “दूसरी बार बाढ़ आने से यमुना नदी दिल्ली में अपने ज्यादातर मैदानी हिस्सों तक फैल सकती है.”

दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है. इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी और मंगलवार को ही जल आपूर्ति सामान्य हो पाई. पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला शोधन संयंत्र में अशोधित जल की आपूर्ति करता है. ये संयंत्र शहर को करीब 25 फीसदी जल की आपूर्ति करते हैं.