केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को पटना पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ हमलोगों के अच्छे संबंध हैं। वहीं बेंगलुरु बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम ‘आइएनडीआइए’ देने से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार सीएम नीतीश कुमार को मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक का बहिष्कार करना चाहिए।

केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार सीएम को मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक का बहिष्कार कर एनडीए में शामिल होने पर विचार करना चाहिए।

केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को राजकीय अतिथिशाला में प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली एनडीए के अनुकूल है। एनडीए के साथ रहते हुए उन्होंने अपने शासनकाल में बिहार का काफी विकास किया है।

उन्होंने कहा कि 20 साल पहले का बिहार और वर्तमान में काफी का अंतर देखने को मिल रहा है। उन्हें मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक का बहिष्कार कर एनडीए में शामिल होने पर विचार करना चाहिए। हमलोग उनका स्वागत करेंगे।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ हमलोगों के अच्छे संबंध हैं। बेंगलुरु बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम ‘आइएनडीआइए’ देने से खुश नहीं है। यह नाम राहुल गांधी का दिया हुआ है। बीजेपी नीतीश कुमार को महत्व नहीं देती तो कम सीट आने के बाद भी मुख्यमंत्री क्यों बनाती? विपक्ष के पास प्रधानमंत्री का कोई चेहरा नहीं है।

जाति आधारित गणना में कोई दोष नहीं

उन्होंने कहा कि बिहार में पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों के साथ हत्या की घटनाएं बढ़ गई है। इसपर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए। दलितों के लिए और योजनाएं बनाने की जरूरत है। राज्य में इंटरकास्ट मैरेज बहुत कम है। इसपर बिहार सरकार एक लाख तो केंद्र सरकार 2.5 लाख रुपये देती है।

रामदास आठवले ने कहा कि उनकी पार्टी लंबे समय से जाति आधारित गणना की मांग करती रही है। पिछड़े के साथ सामान्य जातियों की भी गणना होगी चाहिए। इस बार होने वाली जनगणना में जाति को शामिल करने की मांग केंद्र सरकार से पार्टी ने की है।

उन्होंने कहा कि रोहिणी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पिछड़े वर्ग को तीन भागों में बांटकर आरक्षण तय किया जाना चाहिए।