Sonu Sood Birthday सोनू सूद ने कई शानदार फिल्मों में बेहतरीन किरदार निभाए हैं। एक्टर ने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1999 में फिल्म कल्लाझागर से की थी। कोविड -19 महामारी के दौरान सोनू ने लॉकडाउन में बसों विशेष ट्रेनों और चार्टर्ड उड़ानों की व्यवस्था करके कई फंसे हुए भारतीय प्रवासी कामगारों को उनके घर तक पहुंचने में मदद की थी।
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सोनू सूद के लाखों लोग दीवाने हैं। सिर्फ रील लाइफ ही नहीं, बल्कि रियल लाइफ में भी सोनू ने करोड़ों लोगों का दिल जीता। कोरोना काल में लोगों की मदद करके आज सोनू सूद मसीहा बन गए हैं।
सोनू सूद ने कई शानदार फिल्मों में बेहतरीन किरदार निभाए हैं। एक्टर ने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1999 में फिल्म कल्लाझागर से की थी, जिसके बाद सोनू कहां हो तुम, मिशन मुंबई, युवा, आशिक बनाया आपने जैसी फिल्मों में नजर आए। हिंदी सिनेमा के अलावा सोनू सूद तेलुगु, तमिल और कन्नड़ इंडस्ट्री में भी काम कर चुके हैं। बता दें सोनू सूद जब मुंबई आए थे तब उनकी जेब में मात्र 5500 रूपये थे।
मुंबई पहुंचकर सोनू सूद कि जेब में थे मात्र 5500 रूपये
सोनू सूद के पिता की कपड़े की दुकान थी। उन्होंने अपने बेटे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए नागपुर भेजा था। सोनू सूद जब मुंबई आए थे, तब उनकी जेब में मात्र 5500 रुपये थे। सोनू ने संघर्ष के दौरान 1996 में शादी की थी।
मुंबई आने और शादी करने के 3 साल बाद, सोनू सूद ने तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में काम किया। अब इसके 3 साल बाद, उन्हें अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म शहीद-ए-आजम मिली। हालांकि उन्हें बड़ा ब्रेक 2004 की युवा से मिला, और 2010 की दबंग के बाद से सोनू सूद ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
कोरोना काल में गरीबों के मसीहा बने थे सोनू सूद
अभिनेता सोनू सूद 2020 में प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बनकर उभरे। एक इंटरव्यू के दौरान सोनू सूद ने साझा किया था कि ‘जब मैं मुंबई आया, तो मैं ट्रेन से आया और मेरे पास कोई रिजर्वेशन नहीं था। जब मैं नागपुर में अपनी इंजीनियरिंग कर रहा था, तो मैं बिना रिजर्वेशन के बसों और ट्रेनों में यात्रा करता था।
जब मैंने उन प्रवासियों को अपने बच्चों, बुजुर्गों के साथ सड़कों पर चलते देखा, तो वे मेरे जीवन के सबसे परेशान करने वाले दृश्य में से एक था। तब मैंने फैसला किया कि मैं घर पर नहीं बैठ सकता और मैं इन लोगों कि मदद के लिए आगे आऊंगा।’ अब सोनू सूद जरूरतमंद की मदद करने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं और कई चैरिटी वर्क कर रहे हैं।