मणिपुर हिंसा मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य में हुई हिंसा पर पुलिस को फटकार लगाई थी। इसी के साथ कोर्ट ने मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह को तलब किया था। डीजीपी आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट उनसे एफआईआर में देरी पर सवाल पूछ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर हिंसा मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद एक पैनल का गठन किया। पैनल में तीन हाईकोर्ट की पूर्व महिला जज को रखा गया है। यह कमेटी राहत कार्यों की अध्यक्षता करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हिंसा के सभी मामलों की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई है, लेकिन कानून के शासन में विश्वास सुनिश्चित करने के लिए कम से कम डिप्टी एसपी रैंक के पांच अधिकारी इस जांच की अध्यक्षता करेंगे। ये अधिकारी विभिन्न राज्यों के होंगे
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसआईटी 42 ऐसे मामलों को देखेंगी जो सीबीआई को हस्तांतरित नहीं किए गए हैं।
सीबीआई करेगी 12 मामलों की जांच
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मणिपुर में हिंसा के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित 12 एफआईआर की जांच सीबीआई करेगी और जांच के दौरान जब भी ऐसे अपराध सामने आएंगे, तो सीबीआई उसकी भी जांच करेगी।
अटॉर्नी जनरल ने बताया कि राज्य में बहुत सारे हस्तक्षेप हैं जो परिवारों को शव लेने से रोकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की अनिच्छा दिखाने के लिए एक कृत्रिम स्थिति पैदा की जाती है। यह संयोग है कि इस कोर्ट में सुनवाई से ठीक एक दिन पहले वहां कुछ बड़ा होता है।