हिंद महासागर से भारत आ रहे हुए मर्चेंट शिप पर हुआ था ड्रोन हमला, Navy ने किया कंफर्म

    भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने सोमवार को मर्चेंट शिप एमवी केम प्लूटो (MV Chem Pluto) पर ड्रोन हमले की पुष्टि की है. नौसेना ने कहा कि मर्चेंट शिप पर भारतीय समुद्र तट से 400 किमी दूर ड्रोन हमला हुआ था. 23 दिसंबर को हिंद महासागर से भारत आ रहे हुए मर्चेंट शिप (Merchant vessel) पर ड्रोन हमला हुआ था. सोमवार को शिप एमवी केम प्लूटो मुंबई के तट पर पहुंचा. यहां इस शिप पर रखे सामान को दूसरे जहाज में शिफ्ट किया गया. इस बीच नौसेना ने कहा कि मर्चेंट शिप पर हुए हमले की जांच की जाएगी.

    रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय तट रक्षक (Indian Coast Guard)दल का एक जहाज- ICGS विक्रम, केम प्लूटो को एस्कॉर्ट कर मुंबई लाया है. अब नौसेना के विस्फोटक आयुध निपटान दल (नेवल एक्सपलोसिव ऑर्डनेंस डिस्पोजल) की एक टीम जहाज के उस हिस्से का जायजा लेगी,जहां अटैक हुआ. मर्चेंट शिप सऊदी अरब के अल जुबैल पोर्ट से न्यू मैंगलोर पोर्ट पर कच्चा तेल ले जा रहा था.

    नौसेना के P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने किया कम्युनिकेट
    न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भारतीय नौसेना के P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने एमवी केम प्लूटो के साथ कम्युनिकेशन किया. ड्रोन हमले की खबर सामने आने के फौरन बाद P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने गोवा स्थित आईएनएस हंसा नौसैनिक हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी.

    पेंटागन ने किया बड़ा दावा
    इस बीच अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दावा किया है कि 23 दिसंबर को भारत आ रहे जहाज पर हमला न सिर्फ ईरानी ड्रोन से हुआ, बल्कि वो ड्रोन भी ईरान से ही दागा गया था. मैरीटाइम कंपनी ऑम्ब्रे के मुताबिक ये पहला ऐसा हमला है जो सीधे ईरान की तरफ से किया गया है.

    लाल सागर और उसके आसपास 100 से ज्यादा हमले
    पिछले चार हफ्तों में हूतियों ने लाल सागर और उसके आसपास 100 से ज्यादा हमले किए हैं. करीब एक महीने पहले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाईजैक कर लिया था. यह जहाज तुर्की से भारत आ रहा था. हूती विद्रोहियों ने इसे इजरायली जहाज समझ कर हाईजैक किया था.

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