रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने बुधवार को उन तीन लोगों के परिवारों को न्याय का आश्वासन दिया जो पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिला में दो सैन्य वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद कथित तौर पर सेना द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मृत पाए गए थे. सिंह, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ बुधवार दोपहर राजौरी जिले में पहुंचे और तीनों मृतकों के परिवारों से मुलाकात की. वह ‘यातना’ के शिकार चार अन्य लोगों की सेहत की जानकारी लेने राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी) अस्तपाल भी गए.

रक्षा मंत्री, उपराज्यपाल जब मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात कर रहे थे तब कई जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य, पूर्व विधायक और नागरिक समाज के सदस्य भी मौजूद थे. रक्षा मंत्री डाक बंगले में मृतकों के परिवारों से मुलाकात करने के बाद जीएमसी अस्पताल पहुंचे. जीएमसी अस्पताल परिसर में उन्होंने संवादाताओं से कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ…न्याय होगा.”

मृतक पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए थे

हमले के बाद तीन नागरिकों सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शौकत (27) और शब्बीर अहमद (32) को कथित तौर पर मामले में पूछताछ के लिए सेना ने हिरासत में लिया था और 22 दिसंबर को वे मृत पाए गए. इसके बाद सोशल मीडिया मंच पर वीडियो क्लिप वायरल हुआ था जिसमें कथित तौर पर दिखाई दे रहा है कि उन्हें यातना दी जा रही है. आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान राजौरी के थानामंडी इलाके में सैनिकों द्वारा कथित तौर पर पिटाई के बाद चार लोगों मोहम्मद जुल्फकार, उनके भाई मोहम्मद बेताब, फजल हुसैन और मोहम्मद फारूक को गत शुक्रवार को जीएमसी अस्पताल, राजौरी में भर्ती कराया गया था.

आतंकवादियों की तलाश अब भी जारी है.

डाक बंगले में हुई बैठक के दौरान मौजूद रहीं पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) शहनाज गनई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘रक्षा मंत्री ने मारे गए लोगों के परिवारों, नागरिक समाज से मुलाकात की और घटना की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया.” गनई ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और रक्षा मंत्री इन लोगों का दुख साझा करने, उन्हें सांत्वना और भरोसा दिलाने आए थे.