उद्धव बोले- स्पीकर का आदेश लोकतंत्र की हत्या, सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा; फैसले पर शिंदे ने कही ये बात

    शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को ‘असली शिवसेना’ बताने का फैसला लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगी।

    उद्धव ठाकरे ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा का कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए थे। लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट की शिवसेना द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते समय उनकी अनदेखी की। उन्होंने कहा कि मल मुद्दा दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता का था। लेकिन, दोनों पक्षों के एख भी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं किया गया।

    आदेश लोकतंत्र की हत्या और शीर्ष अदालत का अपमान: उद्धव ठाकरे
    उन्होंने कहा कि आदेश जिस बुनियाद पर खड़ा है, वह गलत है। यह लोकतंत्र की हत्या और उच्चतम न्यायालय का अपमान है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि न तो शीर्ष अदालत औऱ न ही लोग इस फैसले को स्वीकार करेंगे।

    ‘सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी शिवसेना यूबीटी’
    ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी और इस बात की भी जांच करेगी कि क्या विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत से अनुरोध करेंगे कि वह चुनाव से पहले इस मामले पर अपना फैसला दे। उन्होंने कहा कि अदालत ने ठाकरे गुट के सचेतक (सुनील प्रभु) और उसके समूह के नेता (अजय चौधरी) के अधिकार को स्वीकार कर लिया था।

    ‘कभी खत्म नहीं होगी शिवसेना, जनता उनको स्वीकार नहीं करेगी’
    नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा कि 21 जून, 2022 को पार्टी में विभाजन स्पष्ट होने के बाद प्रभु अधिकृत सचेतक नहीं रहे। जून 2022 में शिंदे की बगावत के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले ठाकरे ने कहा, ‘शिवसेना कभी खत्म नहीं होगी और महाराष्ट्र के लोग इन गद्दारों की शिवसेना को स्वीकार नहीं करेंगे।’

    विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बना रहा था उद्धव गुट: एकनाथ शिंदे
    वहीं, विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के फैसले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इससे पार्टी के भीतर लोकतंत्र को बढ़ावा मिला है। उद्धव पार्टी को बेच रहे थे। लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है, लेकिन ऐसा लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष दबाव में थे, क्योंकि उन्होंने विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया। उद्ध ठाकरे गुट उन पर लगातार दबाव बना रहा था।

    विधानसभा स्पीकर नार्वेकर ने  शिंदे गुट के सदस्यों की अयोग्यता याचिका पर आज अपना 1200 पन्नों के फैसले के मुख्य बिंदुओं को सदन में सुनाया। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। एकनाथ शिंदे के पास 55 में 37 विधायक हैं। शिंदे गुट के सभी विधायकों की सदस्यता बरकरार रहेगी। यानी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

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