सार्वजनिक रूप से मतभेदों पर न करें चर्चा, ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को दी चेतावनी

    ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से पार्टी के आंतरिक मतभेदों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से मना किया है। साथ ही नेताओं को फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि अगर किसी ने इन निर्देशों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। उनका यह निर्देश पश्चिम मिदनापुर जिला इकाई की एक बंद कमरे में हुई संगठनात्मक बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं और नेताओं को दिया गया। इसके साथ ही टीएमसी सुप्रीमो ने पार्टी के नेताओं को आंतरिक रूप से नेतृत्व के साथ शिकायतों को दूर करने की बात कही।

    इस बैठक में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी शामिल हुए। इन दोनों नेताओं को ममता बनर्जी ने नए राज्य प्रवक्ताओं के एक पैनल को सूचीबद्ध करने का काम सौंपा है। ममता बनर्जी का यह निर्देश पार्टी के उन दिग्गज सदस्यों के साथ आंतरिक झगड़े के बीच आया है, जो उनके करीबी माने जाते हैं। उनके अभिषेक के करीबी माने जाने वाले नई पीढ़ी के नेताओं के साथ मतभेद हैं।

    सुवेंदु अधिकारी ने किया ममता को वोट नहीं देने का आह्वान
    वहीं, दूसरी ओर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने करारा हमला किया। उन्होंने मतदाताओं से ममता को वोट नहीं करने का आह्वान किया। गरिया मोड़ से जादवपुर 8बी बस स्टैंड तक रैली को संबोधित करते हुए वाम मोर्चे पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि सभी वामपंथी बुरे नहीं हैं। लेकिन ऐसे कई नकली धर्मनिरपेक्षतावादी हैं जिन्होंने ममता बनर्जी और उनकी ‘चोर’ ब्रिगेड को प्रोत्साहित किया और सहायता दी। आगे उन्होंने वामपंथियों से अपने भाजपा विरोधी रुख को त्यागने का आह्वान किया। उन्होंने दावा किया कि भगवा पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो पश्चिम बंगाल में टीएमसी को सत्ता से बेदखल कर सकती है।

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