आज मुख्तार अंसारी के मामले में न्यायालय विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए अवनीश गौतम द्वारा निर्णय पारित किया गया है।
धारा 428,467,468,120B भारतीय दंड संहिता व धारा 30आर्म्स एक्ट मे दोषसिद्ध किया गया और धारा 13(२) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषमुक्त किया गया।

उक्त मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप यह है कि वह तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आलोक रंजन व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गाजीपुर देवराज नगर के फर्जी कूट रचित हस्ताक्षर बनवाकर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था उक्त मामला सन 1990 में पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना सीबीसीआईडी द्वारा की गई बाद विवेचना उक्त मामले में मुख्तार अंसारी व तत्कालीन शास्त्र लिपिक गौरी शंकर लाल के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया ।

अभियुक्त गणों पर आरोप पत्र में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा का भी आरोप होने के कारण उक्त मामले का विचारण विशेष क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायालय वाराणसी में प्रचलित रहा इसी बीच अश्वनी उपाध्याय बनाम भारत संघ के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश से उक्त मामला विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए के न्यायालय में विचाराधीन रहा जिसमें आज निर्णय आया है।

अभियोजन की तरफ से कल 10 साथियों को परीक्षित कराया गया
1:-अशफाक अहमद सीबीसीआईडी
2:-आलोक रंजन तत्कालीन जिलाधिकारी गाजीपुर जो मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के पद पर भी रहे का बयान दिनांक 5 जुलाई 22 को अंकित किया गया।

3:-श्री प्रकाश शास्त्र लिपिक गाजीपुर

4,:-देवराज नगर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गाजीपुर जो पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के पद पर भी आसीन रहे का बयान दिनांक 21 फरवरी 2023 को अंकित किया गया।
5:- मूलचंद तिवारी विवेचना अधिकारी सीबीसीआईडी।

6:-रामनारायण सिंह विवेचना अधिकारी सीबीसीआईडी।

7:-राम शिरोमणि पांडे विवेचना अधिकारी सीबीसीआईडी

8:-जगन मैथ्यूज तत्कालीन जिलाधिकारी गाजीपुर।

9:-विश्व भूषण सिंह विवेचना अधिकारी सीबीएसई आईडी

10:- मदन सिंह विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक ।