नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के मामले में 11 साल से जेल में बंद कथावाचक आसाराम के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट का दौर जारी है. बीते दिनों कोर्ट के आदेश पर आसाराम का महाराष्ट्र में इलाज भी हुआ. लेकिन इसके बाद भी आसाराम की सेहत बिगड़ती जा रही है. बढ़ती उम्र, बीमारी और जेल की सजा के बीच अब आसाराम के लिए एक अच्छी खबर गुजरात से सामने आई है. दरअसल गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साई की मुलाकात को मंजूरी दे दी है. जोधपुर जेल में दोनों की मुलाकात होगी. हालांकि इस मुलाकात के लिए आसाराम के बेटे को 5 लाख रुपए जमा करना होगा.

सूरत सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा आसाराम का बेटा

उल्लेखनीय हो कि आसाराम का बेटा नारायण साई गुजरात की सूरत सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है. गुजरात हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उसे पिता आसाराम से 4 घंटे की मुलाकात के लिए अनुमति दी है. मुलाकात के दौरान आसाराम और नारायण के अलावा कोई परिवार का सदस्य नहीं होगा. यह अनुमति आसाराम के स्वास्थ्य और मानवीय आधार पर दी गई है. पुलिस पहरे में हवाई मार्ग से नारायण जोधपुर आएगा, यहां सेंट्रल जेल में वह बंदी की तरह ही रहेगा.

दरअसल, यौन शोषण मामले में सूरत की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा नारायण साईं ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगा कहा था कि पिता आसाराम की तबीयत ठीक नहीं है. कभी भी कुछ भी हो सकता है, ऐसे में उसे अपने पिता से मिलने दिया जाए.

शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने दी मुलाकात की मंजूरी

शुक्रवार को नारायण साईं की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. नारायण साईं बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामले में सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद है. याचिका में नारायण साईं ने कहा है कि उसके पिता की तबियत ठीक नहीं है. इसलिए वह अपने पिता से मिलना चाहता है. आसाराम नाबालिग से रेप और यौन उत्पीड़न का दोषी है और करीब 11 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है.

पुलिस अधिकारियों की निगरानी में जोधपुर लाया जाएगा नारायण साई

इस दौरान पिता व पुत्र की कभी मुलाकात नहीं हुई. आसाराम ने कई बार पैरोल मांगी लेकिन नहीं मिली. बीते दिनों उसे इलाज के लिए जरूर पैरोल दी गई थी, लेकिन वे किसी से मिल नहीं सकते थे. इसी तर्क और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नारायण को एक सहायक पुलिस आयुक्त, एक पुलिस निरीक्षक, दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबलों की निगरानी में हवाई मार्ग से जोधपुर जेल ले जाया जाए. वह अपने पिता से जेल में चार घंटे तक व्यक्तिगत रूप से मिल सकेगा. इसके लिए उसे सूरत के पुलिस स्टेशन में सरकारी खजाने में पांच लाख रुपये जमा कराने होंगे.