जम्मू-कश्मीर में आज दूसरे चरण का विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Assembly Elections 2024) हो रहा है. बुधवार को छह जिलों की 26 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं.  जम्मू-कश्मीर में शाम पांच बजे तक  56.05 वोटिंग हुई. पिछले चुनाव में 62 प्रतिशत वोट डाले गए थे. दोपहर 3 बजे तक का वोटिंग परसेंट  46.1%  रहा था. वहीं सुबह 9 बजे तक 10.22 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई थी. श्रीनगर में बहुत ही धीमी गति से मतदान चल रहा है. पहले दो घंटों में 5% से भी कम वोटिंग हुई थी.

इस चरण में शामिल ज्यादातर क्षेत्र अलगाववादी गतिविधियों के केंद्र रहे हैं, इसलिए इन इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दूसरे चरण में कश्मीर घाटी की 15 विधानसभा सीटों और जम्मू संभाग की 11 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इस चरण में 26 सीटों पर 25.78 लाख वोटर्स 239 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.

कश्मीर के श्रीनगर जिले के निर्वाचन क्षेत्र हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, चन्नापोरा, जदीबल, सेंट्रल शाल्टेंग और ईदगाह में मतदान हो रहा है. बडगाम जिले के खंड बडगाम, बीरवाह, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ और चादूरा में वोट डाले जा रहे हैं. इसके अलावा गांदरबल जिले के दो निर्वाचन क्षेत्रों कंगन और गांदरबल में भी चुनाव जारी है.

1 बजे तक किस सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग

चुनाव आयोग के मुताबिक, दोपहर एक बजे तक 36.93 प्रतिशत मतदान हुआ. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार दोपहर एक बजे तक जम्मू क्षेत्र की गुलाबगढ़ (एसटी) सीट पर सबसे अधिक 53.94 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पुंछ हवेली में 51.57 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

सालों बाद चुनाव हो रहे, लोगों में जोश-नकवी

दूसरे चरण के मतदान को लेकर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि यह चुनाव केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं और जन भावनाओं का प्रतीक है.सालों बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो रहे हैं. यह पहला चुनाव है, जिसमें 6 साल के लिए नहीं, बल्कि 5 साल के लिए विधानसभा सदस्य चुने जाएंगे. आर्टिकल-370 हटने के बाद लोगों में जो उत्साह और जोश दिखाई दे रहा है, वह स्पष्ट करता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग जम्हूरियत के साथ खड़े हैं. वह उन ताकतों के खिलाफ हैं, जो अलगाववाद और आतंकवाद के जरिए राज्य की सुरक्षा और समृद्धि को हाईजैक कर रहे थे.