अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को लेकर अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बड़ा दावा किया है. उसका कहना है कि ट्रंप पर हुए हमले के पीछे ईरान का हाथ था. ईरान ने ट्रंप की हत्या करने के लिए सुपारी दी थी. मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में ये आरोप लगाए हैं. अदालत में बताया गया है कि ईरान के अर्धसैनिक क्रांतिकारी गार्ड के एक अधिकारी ने सितंबर में एक भाड़े के शूटर को ट्रंप की निगरानी करने और उन्हें मारने की योजना बनाने का निर्देश दिया था. इस शिकायत में आगे बताया गया है कि फरहाद शकेरी नाम के शख्स को ट्रंप की हत्या का जिम्मा सौंपा गया था. कहा जा रहा है वो एक ईरान का सरकारी कर्मचारी था.

13 जुलाई को हुई थी ट्रंप पर फायरिंग 

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप पर 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में उस वक्त फायरिंग हुई थी जब वह एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. इस घटना में डोनाल्ड ट्रंप के कान से छूते हुए एक गोली निकली थी. इस घटना के करीब 64 दिन बाद एक बार फिर उन पर जानलेवा हमले की कोशिश की थी. उस वक्त ट्रंप फ्लोरिडा में पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में मौजूद थे

ईरान में ट्रंप की जीत पर ठंडी प्रतिक्रिया दी

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ईरान ने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी. ईरान की ओर से जो आधिकारिक प्रतिक्रिया आई थी उसमें तो यही कहना है कि ट्रंप की जीत का असर ईरान पर कुछ नहीं होगा. फतेह मोहजेरानी, ईरान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य नीतियां पहले से ही तय हैं. किसी आदमी के पद पर आने से कुछ भी नहीं बदलेगा. लेकिन, इसमें कोई दो राय नहीं है कि ईरान की सरकार महंगाई पर काबू करने और डूबती करेंसी को बचाने के लिए कदम उठाने पर जोर दे रही होगी.