सीरिया का विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS), जिसने वीकेंड में एक चौंकाने वाले हमले में अलेप्पो पर कब्ज़ा कर लिया, एक इस्लामवादी आंदोलन है जिसने लंबे समय से देश के उत्तर-पश्चिम के बड़े हिस्से पर शासन किया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समूह ने पिछले कुछ सालों में अपनी छवि सुधारने की कोशिश की है, जिसमें एक समय इसके स्पोनसर रहे अलकायदा से संबंध तोड़ना भी शामिल है, लेकिन पश्चिमी सरकारों को यह विश्वास दिलाना मुश्किल है कि इसने कट्टरपंथी जिहादवाद को पूरी तरह त्याग दिया है. सीरिया की सरकारी बलों ने अलेप्पो पर 2016 से ही कब्जा कर रखा है.

एचटीएस ने कहा कि 2016 में पांच साल तक सीरिया में हुए युद्ध के दौरान अपनी सर्विस के बाद अब उसका अलकायदा से कोई संबंध नहीं है. इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) थिंक टैंक के अनुसार इसने अपना वर्तमान नाम तब अपनाया, जब इसने अलकायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के जिहादियों को गिरफ्तार किया. लेकिन अमेरिका और यूरोपियन संघ द्वारा इसे अभी भी ब्लैकलिस्ट ही रखा गया है.

उत्तर-पश्चिमी इदलिब प्रांत के बड़े हिस्से पर इसने 2019 से नियंत्रण कर रखा है, इसने एक तथाकथित “मुक्ति सरकार” की स्थापना की है जो विद्रोहियों के गढ़ की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करती है और जिसके न्यायाधीश बड़े पैमाने पर एचटीएस के प्रति वफादार हैं. न्यूयॉर्क आधारित सौफ़न सेंटर ने लिखा, “उत्तर-पश्चिमी सीरिया के पूरे हिस्से में विद्रोहियों ने पहले से स्थापित प्रोटो-गवर्नेंस संरचनाओं को स्थापित करना और उन पर निर्माण करना शुरू कर दिया है, जो शासन करने और नियंत्रण बनाए रखने की उनकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है.”

इनमें से कुछ कोशिशें कई साल पहले की गई थीं जिनमें एचटीएस नियंत्रण वाले क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की लागत में सब्सिडी देने तथा बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्रों को स्थिर करने के परिष्कृत प्रयास शामिल हैं.

‘विद्रोही समूह’

आईसीजी में जिहाद विशेषज्ञ जेरोम ड्रेवन ने कहा कि एचटीएस “आबादी को बुनियादी सेवाएं प्रदान करता है”, अमेरिकी सहायता एजेंसियों के साथ मिलकर वो अपने क्षेत्रों में लाखों जरूरतमंदों को मानवीय सहायता पहुंचाने में मदद करता है. उन्होंने बताया, भले ही कुछ लोग इसे सत्तावादी मानते हों, लेकिन “यह समरूप शासन प्रदान करता है, जो सीरिया के अन्य क्षेत्रों से अलग है”. फ्रांसीसी पत्रकार वसीम नस्र ने पिछले साल एचटीएस नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी से मुलाकात की थी.

उन्होंने अमेरिकी सैन्य अकादमी वेस्ट प्वाइंट से जुड़े आतंकवाद निरोधक केंद्र के एक प्रकाशन में कहा, “वह और उसका समूह अब अंतर्राष्ट्रीय जिहाद के अर्थ के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं, यह बात बिल्कुल स्पष्ट है. उनका मानना ​​है कि इससे ‘उनके समुदायों में केवल विनाश और विफलता ही आई है. “महिलाएं स्कूल जाती हैं, महिलाएं गाड़ी चलाती हैं, आप लोगों को सड़कों पर धूम्रपान करते हुए देखते हैं. बेशक, वो लोकतांत्रिक मूल्यों या उदार मुक्त समाज के मूल्यों का समर्थन करने से बहुत दूर हैं, लेकिन यह एक बदलाव है.”