अष्टलक्ष्मी महोत्सव में केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, भारत के उदय की शुरुआत पूर्वोत्तर क्षेत्र से ही सुनिश्चित हो सकती है. उन्होंने पूर्वोत्तर भारत निश्चित रूप से देश का ग्रोथ इंजन बनेगा.
नार्थ-ईस्ट एक काम है देश का, यही सोचकर आज तक सरकारें काम करती आई थीं. लेकिन प्रधानमंत्री जी ने जो अष्टलक्ष्मी की परिकल्पना रखी. नार्थ-ईस्ट को आप भारत के विकास का इंजन कह रहे हैं. यह कैसे होगा? इस सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, उत्तर पूर्व सिर्फ भारत का महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन नहीं है. भारत में सूर्य की रोशनी की पहली किरण अरुणाचल प्रदेश में पड़ती है. तो भारत के उदय की शुरुआत पूर्वोत्तर क्षेत्र से ही सुनिश्चित हो सकती है. यह प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना है.
सिंधिया ने कहा कि, हम यह भी न भूलें कि विश्व स्तर पर जियो पॉलिटिकल, जियो इकानामिक डायनामिक्स पूर्ण रूप से परिवर्तित हो रहे हैं. वर्ल्ड आर्डर शिफ्ट हो रहा है. यह ग्लोबल साउथ की तरफ शिफ्ट हो रहा है. ग्लोबल साउथ की अगर हम बात करें तो साउथ-ईस्ट एशिया की जो कनेक्टिविटी की क्षमता हमारी नार्थ ईस्ट के पास है वह किसी भी राष्ट्र के पास विश्व में नहीं है.
उन्होंने कहा कि, बांग्लादेश म्यांमार, ये तो स्वाभाविक है क्योंकि हमारी लैंड बार्डर है. नेपाल हो, भूटान हो… वहां से आप अपना पूरा इकानामिक कॉरिडोर जोड़ सकते हैं. कम्बोडिया, मलेशिया, सिंगापुर.. से जुड़ सकते हैं. उसी के साथ-साथ आपकी लॉजिस्टिक्स कास्ट भी घट सकती है. आप अनुमान लगाएं कि हमारा उत्तर पूर्व में प्रोडक्शन है, अगर उसे रोड के द्वारा हम लोग अंतिम पोर्ट तक ले जाएं, वहां से उसका सीधा-सीधा एक्सपोर्ट हो तो लॉजिस्टिक्स कास्ट में भी कितनी गिरावट आ सकती है. क्षमताएं अपार हैं, उन पर हम कार्य कर रहे हैं. 2013-14 में भारत सरकार से टैक्स डिवेलूशन था पूर्व के आठों राज्यों को एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये, आज हो रहा है साढ़े पांच लाख करोड़. यह पांच गुना ज्यादा है. हमारा जो 10 परसेंट जीबीएस की हम बात करते हैं, 24 हजार करोड़ की क्षमता थी, 10 साल पहले, आज वही एक लाख दो हजार करोड़ रुपये हो गई है. तो एक पूर्ण परिवर्तन आ रहा है. तो उत्तर पूर्वी भारत देश का ग्रोथ इंजन बनेगा ही.
सिंधिया ने कहा कि यदि टूरिज्म की बात करें तो जहां देशी टूरिस्ट जहां एक करोड़ जाते थे आज करीब साढ़े तीन करोड़ जा रहे हैं. हम सारे मुख्यमंत्रियों के साथ एक टूरिज्म सेक्टर डेवलप कर रहे हैं. एक-एक राज्य की स्पेशियलिटी डेवलप कर रहे हैं.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक शाह ने सप्लाई चेन के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि, पहले त्रिपुरा में एक नेशनल हाईवे था, अब छह हैं. अब त्रिपुरा में तीसरा सबसे मजबूत इंटरनेट है. अब अगरतला से हर किस्म की ट्रेन चल रही है. बार्डर तक ट्रेन जा रही है. त्रिपुरा का एयरपोर्ट नार्थ-ईस्ट का एक बेस्ट एयरपोर्ट है. बांग्लादेश के साथ हमारा मैत्री सेतु भी बन गया है. चिटागांग में यह साउथ-ईस्ट एशिया का गेटवे बनने वाला था. यह अभी रुका हुआ है. त्रिपुरा अब पीसफुल स्टेट है