अफगानिस्‍तान ने लिया एयर स्‍ट्राइक का बदला, गोलीबारी में एक पाकिस्‍तानी जवान की मौत, कई घायल.

    पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है. अफगानिस्‍तान के साथ सीमा पर गोलीबारी में पाकिस्‍तानी अर्धसैनिक बल का एक जवान मारा गया और सात अन्‍य घायल हो गए. एक सूत्र ने यह जानकारी दी है. वहीं पाकिस्‍तानी हवाई हमलों के खिलाफ सैंकड़ों की संख्‍या में अफगानों ने प्रदर्शन किया है. दोनों देशों के अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और अफगानिस्तान में खोस्त प्रांत के बीच सीमा पर सुरक्षाबलों के बीच रात भर भारी हथियारों के साथ लड़ाई हुई.

    तालिबानी अधिकारियों के पाकिस्तान पर इस सप्ताह अफगानिस्‍तान के दक्षिणपूर्वी प्रांत पक्तिका में हवाई हमलों में 46 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाने के बाद यह गोलीबारी हुई है. हवाई हमलों में मारे जाने वाले ज्‍यादातर महिलाएं और बच्‍चे थे. वहीं इन हमलों को लेकर पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने कहा कि उन्होंने “आतंकवादी ठिकानों” को निशाना बनाया, हालांकि इस्लामाबाद ने आधिकारिक तौर पर बमबारी की पुष्टि नहीं की है.

    कुर्रम में दो स्‍थानों पर हुई झड़प

    सीमा पर एक सूत्र ने एएफपी को बताया, “फ्रंटियर कोर के एक सैनिक के मारे जाने की खबर है और सात अन्य घायल हो गए हैं.” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सीमावर्ती जिले कुर्रम में कम से कम दो स्थानों पर झड़पें हुईं.

    अफगान रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर कहा कि पाकिस्तान के साथ सीमा पार कई बिंदु हैं, जहां से “अफगानिस्तान में हमले आयोजित किए गए थे… जवाबी कार्रवाई में उन्हें निशाना बनाया गया”.

    पलायन को मजबूर स्‍थानीय लोग 

    खोस्त में एक अधिकारी ने एएफपी को बताया कि इन झड़पों के कारण स्‍थानीय लोगों को सीमावर्ती इलाकों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है, लेकिन अफगान बलों के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है.

    प्रांतीय राजधानी खोस्त शहर में सैकड़ों अफगानों ने शनिवार को पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया और नागरिकों की मौत के लिए जवाबदेही तय करने की मांग की. प्रदर्शनकारी नजीबुल्लाह जलैंड ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पाकिस्तान पर वैश्विक आर्थिक दबाव की मांग की है.

    पाकिस्‍तानी सेना को जिम्‍मेदार ठहराया जाए : प्रदर्शनकारी 

    उन्होंने एएफपी को बताया, “हम दुनिया के सामने अपनी आवाज उठाने के लिए एकत्र हुए हैं.” उन्‍होंने कहा कि शांति का रास्ता निकाला जाना चाहिए, नहीं तो युवा चुप नहीं रहेंगे.

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