कार्टरपुरी, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के नाम पर क्यों पड़ा हरियाणा के गांव का नाम!

    अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन हो गया है. अमेरिका में जन्मे जिमी कार्टर का भारत से एक खास नाता रहा है. भारत के हरियाणा राज्य के एक गांव का नाम तो इनके नाम पर रखा गया है. दरअसल, साल 1978 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर भारत आए थे. अपने इस दौरे के दौरान जब उन्होंने गुरुग्राम जिले के दौलतपुर नसीराबाद गांव जाने की इच्छा जाहिर की तो हर कोई हैरान रह गया और यही सोचने लगा कि आखिर अमेरिका में जन्मे जिमी कार्टर को दौलतपुर नसीराबाद गांव के बारे में कैसा पता और आखिर क्यों वहां जाना चाहते हैं?

    उस वक्त मेरी उम्र 24 साल थी. 3 जनवरी 1978 के जिमी कार्टर हमारे गांव में आए थे. उस समय जब वो आए तो दीवाली जैसा माहौल हो गया था.उनका प्रोग्राम आधे घंटे का था वो 1 घंटे के करीब यहां रहे. तब ताऊ देवीलाल मुख्यमंत्री थी. कार्टर जब आए तो उन्होंने पंचायत बुलाई और कहा कि हम गांव का नाम कार्टपुरी रखना चाहते हैं, तब पंचायत ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार किया था.

                                       अतर सिंह बघेल

    • जिमी कार्टर साल 1978 में बतौर अमेरिका के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे.
    • उस दौरान मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री थे.
    • जिमी कार्टर अपनी मां और पत्नी के साथ दौलतपुर नसीराबाद गांव गए थे.
    • जिमी कार्टर की मां ने कई वक्त इस गांव में बिताया था.

    जब जिमी कार्टर अपनी मां बेस्सी लिलियन कार्टर (Bessie Lillian Carter ) और रोज़लिन कार्टर (Rosalynn Carter) के साथ दौलतपुर नसीराबाद गांव पहुंच तो वहां का पूरा माहौल ही बदल गया. गांव वालों ने सोचा तक नहीं था कि अमेरिका के राष्ट्रपति उनसे इतने अच्छे से मुलाकात करें.

    दौलतपुर नसीराबाद गांव से क्या था नाता

    जिमी कार्टर की मां एक नर्स थी और वर्ल्‍ड वॉर के दौरान भारत आई थी. दौलतपुर नसीराबाद गांव में उनकी मां का आना जाना था और अक्सर जेलदार सरफराज की हवेली पर आती थीं. इस दौरान उनके गर्भ में जिमी थे. कुछ साल भारत रहने के बाद वो वापस अमेरिका चले गई थी. लेकिन उनके दिल में दौलतपुर नसीराबाद गांव बस गया था. ऐसे में जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा भारत दौरे पर जा रहा है. तो उन्होंने दौलतपुर नसीराबाद गांव जाने की इच्छा जाहिर की. जिसे जिमी कार्टर ने पूरा किया और अपनी मां को दौलतपुर नसीराबाद गांव लेकर आए.

    Latest and Breaking News on NDTV

    दौलतपुर नसीराबाद गांव के लोगों को जिमी कार्टर इतने पसंद आए कि उन्होंने अपने गांव का नाम ही बदल दिया और ‘कार्टरपुरी’ गांव रख दिया. जब जिमी कार्टर यहां आए थे तो उनके साथ तत्‍कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी थे. गांव वालों ने धूमधाम से उनका स्वागत किया था और हरियाणवी पोशाक भेंट की थी. जिसे उन्होंने पहना भी.

    • कार्टर ने विश्व कूटनीति के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए 1982 में कार्टर सेंटर की स्थापना की थी.
    •  सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के उनके अथक प्रयासों के लिए उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
    • साल 2015 में उन्होंने खुलासा किया था उन्हें ब्रेन कैंसर है.

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here