प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड पर स्टेटस रिपोर्ट और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी यह जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र में सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है जिससे गैर हिन्दी भाषी लोगों को सुविधा मिल सके.
याचिका में मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाए. याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई है.
कु़ंभ जैसे बडे़ धार्मिक आयोजनों में देश के दूसरे राज्यों से आने वाले गैर हिन्दी भाषी लोगों की सुविधा के लिए सभी राज्यों को कुंभ में मेडिकल हेल्प डेस्क स्थापित किए जाने की भी मांग की गई है.
कैसे हुआ था महाकुंभ में हादसा
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मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नोज पर अमृत स्नान करने की प्रबल इच्छा लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. हर कोई इस पवित्र क्षण का भागीदार बनना चाहता था. इसके चलते वहां अप्रत्याशित भीड़ जमा हो गई.
- जो श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दिन ही स्नान करने के लिए पहुंचे थे, उन्होंने बैरिकेडिंग के किनारे पॉलिथीन बिछाकर डेरा जमा लिया था. प्रशासन ने विभिन्न अखाड़ों के लिए सुबह 5 बजे से शुरू होने वाले अमृत स्नान के लिए अलग से रास्ता आरक्षित किया था.
- रात लगभग 1 बजे… स्नान के लिए जाने वाले रास्ते पर भीड़ अपनी क्षमता से अधिक हो गई. पुलिस और प्रशासन योजना के अनुसार बैरिकेडिंग से लोगों को घाट तक ले जाने और वापस लाने की व्यवस्था कर रहे थे. हालांकि, अप्रत्याशित भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई.
- लगभग 1:45 बजे लोग अनियंत्रित होकर बैरिकेडिंग कूदकर संगम की ओर जाने लगे. इस भगदड़ में बैरिकेडिंग कूदने वाले लोग उन परिवारों पर गिर पड़े जो वहां सो रहे थे. इसके बाद भीड़ ने अचानक लोगों को रौंदना शुरू कर दिया, जिससे कई लोग घायल हो गए. तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए.