मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून का भी दहेज कानून की ही तरह गलत इस्तेमाल हो रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग कानून के प्रावधानों का उपयोग किसी आरोपी को हमेशा के लिए जेल में रखने के लिए नहीं किया जा सकता.कोर्ट ने यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व IAS अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी की जमानत देते हुए की. जस्टिस अभय ओक ने मामले में ED को फटकार लगाते हुए कहा कि 498A की तरह ही PMLA का भी दुरुपयोग हो रहा है.