सामान्य जेल क्यों… अवैध प्रवासियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा पश्चिम बंगाल सरकार से सवाल

पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) पर सवाल उठाया है. अवैध प्रवासियों को हिरासत केंद्र में रखने के बजाए सामान्य जेल में रखने पर सवाल पूछा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके पास सुधार गृह या हिरासत केंद्र क्यों नहीं हैं? किसी व्यक्ति को दोषी ठहराए जाने के बाद भी वह पूरी सजा काट लेता है. फिर भी आप उसे जेल में रखते हैं? आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? क्या राज्य इतना गरीब है कि उसके पास सुधार गृह या हिरासत केंद्र नहीं है? इसी के साथ ही देश में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों की अनिश्चितकालीन हिरासत के मुद्दे को उठाने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि अवैध अप्रवासियों को सजा पूरी करने के बाद भी जेलों में कठोर सजा भुगतनी पड़ रही है. आपके लिए जेल परिसर के बाहर ‘सुधार गृह’ का बोर्ड लगाना बहुत आसान है, लेकिन फिर भी यह जेल ही रहता है और जेल का मतलब है कि आप उसे बाहर घूमने नहीं देते. बाजार में टहलने नहीं देते. उसे सूर्यास्त तक वापस आने के लिए कहते हैं और फिर आप उसे फिर से जेल में डाल देते हैं. सुधार गृहों में शायद कुछ स्वतंत्रता हो, वे एक प्रतिबंधित क्षेत्र में घूमते हैं, जो निर्धारित है.

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