प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर स्वच्छता कर्मियों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालु ऐसे लोगों का गुणगान कर रहे हैं. महाकुंभ में काम कर रहे स्वच्छता कर्मी दिन रात लोगों की सेवा में जुटे हैं. करीब पंद्रह हज़ार ऐसे सफ़ाईकर्मी 13 जनवरी से ही सेवा में जुटे हैं. अब तक 62 करोड़ से अधिक लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ को सफल बनाने में यूपी सरकार ने झोंकी ताकतयूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौक़े पर जाकर इंतज़ाम देखते हैं. प्रयागराज महाकुंभ ख़त्म होने में अब बस चार दिन बचे हैं. महाशिवरात्रि पर आख़िरी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ फिर से बढ़ गई है. पिछले चार दिनों में सीएम योगी तीन बार प्रयागराज पहुंच चुके हैं. कभी साधु संतों से मिलने तो कभी अधिकारियों की बैठक के लिए तो कभी व्यस्था देखने. यूपी सरकार ने सनातन धर्म के इस आयोजन में पूरी ताक़त झोंक दी है. महाकुंभ में आख़िरी स्नान 26 फ़रवरी कोप्रयागराज के महाकुंभ में आख़िरी स्नान 26 फ़रवरी को है. इसके ठीक अगले दिन सीएम योगी एक बार फिर महाकुंभ के मेले में रहेंगे. लेकिन इस बार वे उन लोगों का सम्मान करेंगे, जिन्होंने डेढ़ महीने तक यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा की. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी सफ़ाई कर्मियों की सम्मान करेंगे. उनका आभार जतायेंगे. जिन्होंने अपने घर परिवार की चिंता न करते हुए लगातार लोगों की सेवा करते रहे. सीएम ऑफिस के सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ नाविकों का भी सम्मान करेंगे. सीएम श्रद्धालुओं की सेवा करने वालों का करेंगे सम्मानयूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस फ़ैसले के राजनीतिक मायने भी है. राजनीति भी एक धर्म ही है. महाकुंभ के बहाने योगी सरकार की कोशिश हिंदू वोटरों को एकजुट करने की है. इसके साथ ही वे सोशल इंजीनियरिंग के विस्तार की तैयारी में भी है. स्वच्छता कर्मियों का सम्मान कर समाज के पिछड़े और दलित वर्ग का मान बढ़ाना चाहते है. नाविकों का सम्मान निषाद वोटरों के मन को छूने का प्रयास है. इसी तरह की कोशिश पीएम नरेन्द्र मोदी ने साल 2019 में की थी. लोकसभा चुनाव का समय भी था. प्रयागराज में कुंभ का मेला लगा था. प्रधानमंत्री ने 5 सफ़ाई कर्मियों के पैर धोकर उनका सम्मान किया था.