कैबिनेट विस्तार से सबसे बड़े चुनावी मुद्दे की निकाली काट, बिहार में NDA की A टीम तैयार,समझें समीकरण

बिहार में चुनाव से महज 6 महीने पहले कैबिनेट विस्तार कर NDA ने अपनी ‘A टीम’ तैयार कर ली है. 35 मंत्रियों की ये टोली जातीय समीकरण के सभी बॉक्स को ठीक करती है. यानी बिहार के सन्दर्भ में जातीय समीकरण के सभी पैमानों पर खरी उतरती है. साथ ही इसमें क्षेत्रीय समीकरण का भी ख़ास का ख्याल रखा गया है. जिन 7 मंत्रियों को इस कैबिनेट में शामिल किया गया, वो सभी बीजेपी के विधायक हैं. लेकिन उनका चयन JDU और BJP की संयुक्त बैठक के बाद विश्लेषण कर किया गया. कैबिनेट विस्तार के जरिए यह सुनिश्चित किया गया कि बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण जातियों को कैबिनेट में समुचित स्थान मिले और उनके मजबूत प्रतिनिधि कैबनेट में बैठे.NDA को अंदाजा चुनाव में आरक्षण पर मचेगा बवालभाजपा ने जो जातिगत चॉसर बिछाया है वो काफी दिलचस्प है. बात चाहे पिछड़ों की हो, अति पिछड़ों की हो, दलितों की हो या फिर सवर्णों की. कोशिश की गई है कि इस बार कोई भी तबका नाराज ना रहे. NDA को यह बखूबी अंदाज़ है कि 2025 में बात दलितों और पिछड़ों की होगी. बात आरक्षण की होगी. बात पिछड़ों के हक की होगी और इसकी तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है.विपक्ष ने आरक्षण के मुद्दे को हवा देना किया शुरूविपक्षी खेमे ने तो अभी से इस मामले में आवाज़ उठानी शुरू कर दी है. विपक्ष भाजपा को आरक्षणखोर कह रहा है. तेजस्वी ख़ुद 2025 में सारा हिसाब बराबर करने की बात कर रहे हैं. यानी उन्होंने यह साफ कर दिया है कि भले एनडीए ने 2025 चुनाव से पहले अपना कुनबा मजबूत कर लिया हो, पर जब समय आएगा तो ये मुद्दा उछलेगा और पूरजोर तरीके से उछलेगा.

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