सर्दियों की शुरुआत होने से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो गई है और एयर क्वालिटी बिगड़ गई है. सिर्फ राजधानी ही नहीं, बल्कि देश के कई शहरों में एयर पॉल्यूशन बढ़ने लगा है. एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले दिनों में पॉल्यूशन हद से ज्यादा बढ़ सकता है और इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस समेत लंग्स से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को पॉल्यूशन से सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है. पॉल्यूशन दिल से लेकर दिमाग तक असर करता है और सेहत को बुरी तरह प्रभावित करता है.

नई दिल्ली के साकेत स्थित मंत्री रेस्पिरेटरी क्लीनिक के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. भगवान मंत्री ने News18 को बताया कि जब हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है, तब उसमें छोटे-छोटे खतरनाक कण मिल जाते हैं. जब लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, तो ये जहरीले तत्व शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं, जिससे फेफड़ों और रेस्पिरेटरी सिस्टम को गंभीर नुकसान होता है. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा, और फेफड़ों के कैंसर जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. एयर पॉल्यूशन का असर हार्ट पर भी पड़ता है और दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ता है.

जहरीली हवा बढ़ा सकती है मेंटल प्रॉब्लम्स

डॉक्टर की मानें तो हद से ज्यादा एयर पॉल्यूशन आंखों की बीमारियों की वजह बन सकता है और इससे मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. पॉल्यूशन की वजह से लोगों का स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि जहरीली हवा से मूड स्विंग्स, एंजायटी, डिप्रेशन और अन्य मेंटल डिसऑर्डर का खतरा बढ़ सकता है. प्रदूषित हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड के संपर्क में आने पर मेंटल प्रॉब्लम से जूझ रहे लोगों की तबीयत बिगड़ सकती है, क्योंकि एयर पॉल्यूशन से मेंटल प्रॉब्लम ट्रिगर हो सकती हैं.